भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत को गणतंत्र घोषित कर दिया गया I इसी संविधान की मूल प्रति पर राम , सीता और लक्ष्मण है , श्री कृष्ण के साथ अर्जुन हैं , नृत्य करते हुए नटराज हैं, यज्ञ की तस्वीर है , भगवान् बुद्ध और हिन्दू धर्म का अभिन्न अंग कमल भी है I संविधान का हिस्सा न होते हुए भी ये चित्र अब भारतीय संविधान का एक अटूट अंग हैं I
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने जब संविधान तैयार किया तो उन्होंने बताया था की भारत का संविधान धर्म के आधार पर कोई भेद-भाव नही करने हिसाब से बनाया गया है I जैसा कि हम जानते हैं कि भारत का संविधान धर्मनिरपेक्ष हैI तो फिर संविधान में राम, कृष्ण और नटराज की फोटो क्यों?
ये सभी फ़ोटो संविधान में किसी धर्म के आधार पर नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति के प्रतीक के रूप में लगायी गयीं हैं I जब संविधान अपने अंतिम रूप में था उस समय यह प्रश्न उठा कि कहीं संविधान भारतीय सभ्यता-संस्कृति से अलग थलग न लगे I अगर ऐसा होता तो लोगों का संविधान पर उतना विश्वास नही होता जैसा कि इन चित्रों के लगने के बाद था I
मुगल बादशाह अकबर के दरबार का भी चित्र संविधान की मूल पुस्तक में अंकित है I मैसूर के शेर के नाम से जाने वाले टीपू सुल्तान का भी चित्र मूल प्रति में अंकित किया गया है I
1857 के स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई के चित्र भी संविधान की मूल प्रति में अंकित किया गया है I सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविन्द सिंह के चित्र को भी संविधान की मूल पुस्तक में स्थान दिया गया है I