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Chaitra Navratri 2022 |माँ लक्ष्मी को नवरात्रि में कैसे प्रसन्न करें ?
पैसे की जरूरत किसे नहीं है ? हर व्यक्ति आज के समय में पैसे कमाने के अलग-अलग तरीके खोज रहा है I चैत्र नवरात्रि भारतीय नव वर्ष की शुरुवात माना जाता है I यही समय है जब हम माँ के 9 रूपों की पूजा करते हैं I आज हम आपको माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने का आसान तरीका बताने जा रहे हैं I
1563 साल बाद बना अति दुर्लभ संयोग
ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का ऐसा संयोग 1563 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 22 मार्च 459 को ये ग्रह स्थिति बनी थी। इस साल नव वर्ष की शुरुआत में मंगल और राहु-केतु अपनी उच्च राशि में रहेंगे। शनि खुद की ही राशि मकर में होगा। नववर्ष के सूर्योदय की कुंडली में शनि-मंगल की युति से धन, भाग्य और लाभ का शुभ योग बन रहा है। इस योग के प्रभाव से ये साल मिथुन, तुला और धनु राशि वाले लोगों के लिए बहुत शुभ रहेगा। अन्य राशियों के लिए बड़े बदलाव का समय रहेगा।

Chaitra Navratri 2022:
नवरात्रि में माता के 9 स्वरुपों की आराधना की जाती है। इस 9 दिनों में एक दिन ऐसा भी होता है जब मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से मां लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं। इस दिन माता लक्ष्मी को खुश करने के लिए हवन किया जाता है।
मान्यता है कि इस दिन माता को खुश करने के लिए अलग-अलग चीजें माता को अर्पित की जाती हैं। वह दिन है नवरात्र का पांचवा दिन जिसे चैत्र शुक्ल पंचमी भी कहा जाता है। यह दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती है।
चैत्र शुक्ल पंचमी को लक्ष्मी जी की विशेष उपासना के विषय में बताया जाता है कि, चैत्र शुक्ल पंचमी को विधि पूर्वक लक्ष्मी जी की पूजा करनी चाहिये। इस दिन पूजन में धान्य, हल्दी, अदरक, गन्ना, गुड़ आदि अर्पित करके कमल पुष्पों से लक्ष्मीसूक्त से हवन करें।
यदि कमल न उपलब्ध हो तो बेल के टुकड़ों से हवन कर सकते हैं और वे भी न हों तो केवल घी का ही हवन करें। इससे अत्यंत धन की प्राप्ति होती है। मां लक्ष्मी को लाल बिंदी, सिंदूर, लाल चुनरी और लाल चूडियां भी अर्पित करें। कहते हैं कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी अपनी कृपा भक्त पर बरसाती हैं।
इसके अलावा नवरात्र में विष्णु-प्रिया महालक्ष्मी के 8 रूपों की भी पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इससे आपके घर में सुख समृद्धि बनी रहेगी और धन-धान्य में वृद्धि होती रहेगी। लक्ष्मी जी के 8 रूप माने गए हैं।
महालक्ष्मी के रूपों को अष्टलक्ष्मी के नाम से भी पुकारा जाता है। ये हैं – वीर लक्ष्मी , विजयलक्ष्मी ,धान्य लक्ष्मी, ऐश्वर्य -लक्ष्मी, आदि लक्ष्मी, गजा लक्ष्मी, धन लक्ष्मी, सनातन लक्ष्मी I
लक्ष्मी मंत्र संस्कृत- Chaitra Navratri 2022:
श्री लक्ष्मी बीज मन्त्र:
ऊँ श्री हीं श्री कमले कमलालये प्रसीद श्रीं हीं श्री ॐ महालक्ष्मयै नमः।।
लक्ष्मी मंत्र संस्कृत- Chaitra Navratri 2022
लक्ष्मी प्रार्थना मंत्र:
नमस्ते सर्वगेवानां वरदासि हरे: प्रिया।
लक्ष्मी मंत्र संस्कृत- Chaitra Navratri 2022
श्री लक्ष्मी महामंत्र:
ऊँ श्रीं क्लीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्य देहि मे स्वाहा।।
लक्ष्मी मंत्र संस्कृत- Chaitra Navratri 2022
माता लक्ष्मी के मंत्र
ऊँ श्रीं हीं श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री हीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।
ऊँ श्रीं क्लीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्य देहि मे स्वाहा।।
ऊँ श्रीं हीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:।।
लक्ष्मी मंत्र संस्कृत- Chaitra Navratri 2022
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FAQ
लक्ष्मी माता का कौन सा मंत्र है?

ऊँ श्रीं हीं श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री हीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।
लक्ष्मी को संस्कृत में कैसे लिखते हैं?
लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

प्राचीन मान्यता के अनुसार लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए यह मंत्र बोलना चाहिए-
ऊँ श्रीं हीं श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री हीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।
Laxmi नाम का अर्थ क्या है?

लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है
माता लक्ष्मी जी को कैसे प्रसन्न करें?

माता लक्ष्मी जी को कैसे प्रसन्न को करने के लिये इस ब्लॉग में जानकारी दि गयी है I