600 Words Essay Speech on WONDERS OF SCIENCE

विज्ञान के चमत्कार पर 600 शब्दों में निबंध, भाषण । 600 Words Essay speech on WONDERS OF SCIENCE in Hindi

विज्ञान के चमत्कार (Vigyan Ke Chamatkaar) पर 600 शब्दों में निबंध, भाषण – 600 Words Essay speech on WONDERS OF SCIENCE in Hindi

विज्ञान के चमत्कार (Vigyan Ke Chamatkaar) से जुड़े निबंध जैसे विज्ञान के चमत्कार पर  600 शब्दों में  निबंध,भाषण  स्कूल में कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, और 12 में  पूछे जाते है। इसलिए आज हम  600 Words Essay speech on WONDERS OF SCIENCE in Hindi के बारे में बात करेंगे ।

600 Words Essay Speech on WONDERS OF SCIENCE in Hindi for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12

वस्तु का स्फुरण रूप विज्ञान है। बोलचाल की भाषा में किसी वस्तु विशेष ज्ञान को ‘विज्ञान’ कहते हैं। यह मानव का हितकारी है। अब तो सामान्य मानव ही नहीं; अंधे, लंगड़े, बहरे आदि भी विज्ञान द्वारा उपकृत हैं। विज्ञान के द्वारा आंखों का प्रत्यारोपण करके अंधे लोग दृष्टि पा सकते हैं, कृत्रिम पांव के सहारे लंगड़े गतिमान हो सकते हैं और बहरे कान में यंत्र लगाकर सुनने में समर्थ हो सकते हैं। आज के विज्ञान से तुलसीदास की यह पंक्ति चरितार्थ होती है बिनु पद चलई सुनई बिनु काना । कर बिनु कर्म करई विधि नाना ॥

जब शिशु गर्भ में रहता है, तो उसकी प्राण रक्षा हेतु उसकी मां के द्वारा उसे दवाइयां दी जाती हैं। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि आज का मानव पृथ्वी देखने से पहले विज्ञान देख लेता है। अतः विज्ञान मनुष्य के लिए वरदान है। इसने मानव के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। चिकित्सा, यातायात, आवास, मनोरंजन, कृषि आदि क्षेत्रों में भी विज्ञान अपने चमत्कार दिखाता है।

600 Words Essay Speech on WONDERS OF SCIENCE
600 Words Essay Speech on WONDERS OF SCIENCE (Image Source)

चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान का करिश्मा बेजोड़ है। पहले हैजा और प्लेग जैसी महामारी से गांव के गांव साफ हो जाते थे, लेकिन अब इन बीमारियों का नामो-निशान नहीं है। अब तो मरने से पूर्व आप अपनी आंख का दान भी कर सकते हैं। इन आंखों द्वारा किसी भी अंधे को नेत्रवान बनाया जा सकता है। प्लास्टिक सर्जरी तो अत्यधिक चमत्कृत करती है। मानव के किसी भी खराब अंग को काटकर उसके स्थान पर दूसरे का अंग प्रत्यारोपित किया जा सकता है। यातायात के क्षेत्र में वैज्ञानिक उपलब्धियां सराहनीय हैं।

पहले हमारी यात्राएं कष्टप्रद होती थीं। लोग ज्यादातर समूह बनाकर पैदल ही यात्रा करते थे, लेकिन आज इसे आरामदेह एवं सुगम बना दिया गया है। अगर किसी के पास कम पैसे हों, तो रिक्शा, ऑटो, बस अथवा रेल से यात्रा की जा सकती है। अधिक पैसे होने पर पक्षी की तरह आकाश में वायुयान द्वारा उड़ा जा सकता है। मनोरंजन के क्षेत्र में भी एक से बढ़कर एक विज्ञान की अनुपम देन है।

रेडियो से संगीत का आनंद लिया जा सकता है। टेपरिकॉर्डर, वीडियो एवं कैमरे की सहायता से अतीत को कैद किया सकता है। दूरदर्शन का तो कहना ही क्या है ? संचार के क्षेत्र में भी विज्ञान पीछे नहीं है। घर बैठे अपने किसी सुदूर मित्र से टेलीफोन या मोबाइल द्वारा बातें हो सकती हैं।

कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में भी विज्ञान ने क्रांति पैदा कर दी है। धान, गेहूं एवं मकई आदि खाद्यान्नों की नई किस्मों का आविष्कार किसानों के लिए वरदान सिद्ध हुआ है। कंप्यूटर एवं रोबोट विज्ञान के नवीनतम चमत्कार हैं। ऐसी कल्पना है कि 21वीं सदी में मानव द्वारा सारे कार्य कंप्यूटर और रोबोट के सहारे ही किए जाएंगे। इस प्रकार विज्ञान की उपलब्धियों को एक-एक करके गिनाने से एक कोश तैयार हो जाएगा। आज का विज्ञान मानव के लिए एक वरदान है, जो उसका साथ जन्म के पूर्व से मृत्यु के बाद तक साथ देता है, क्योंकि बड़े-बड़े शहरों में मानव की लाशें लकड़ी की चिता के बजाय विद्युत शवदाह गृह में जलाई जाने लगी हैं। में

विज्ञान की उपलब्धियों ने आज मानव को भौतिकतावादी बना दिया है। मानव के हृदय में प्रेम और भाईचारे का जो स्रोत बहता था, उसे विज्ञान के ताप ने सुखा दिया है। आज के भौतिकतावादी मानव विज्ञान की उपलब्धियों का उपयोग मानव सेवा के बजाय मानव विनाश में कर रहे हैं। अणु-परमाणु बम का निर्माण मानव की इसी विकृत मानसिकता का द्योतक है। परमाणु हथियारों से युक्त शक्तिशाली राष्ट्र कमजोर राष्ट्रों को धौंस दिखाकर उनका दोहन करते हैं। जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों की बर्बादी इसके उदाहरण हैं।

विज्ञान से जहां हमें सैंकड़ों लाभ हैं, वहीं हानियां भी कम नहीं हैं। आज रेलगाड़ी या वायुयान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर मृतकों की संख्या हजारों में होती है। आज विज्ञान से संपूर्ण विश्व का वातावरण दूषित हो गया है। विज्ञान वायु, जल एवं पृथ्वी का दोहन कर रहा है। अगर वायु, जल एवं पृथ्वी का इसी तरह दोहन होता रहा, तो वह दिन दूर नहीं, जब वायु प्राणरक्षक नहीं रहेगी, समय पर कभी वर्षा नहीं होगी और पृथ्वी अन्न नहीं देगी। यह विज्ञान का एक भयानक अभिशाप जिससे मानव तड़प-तड़पकर मरेगा।

विज्ञान के इस तांडव के लिए मानव ही जिम्मेदार है, विज्ञान नहीं। विज्ञान तो वह शक्ति है, जिसका उपयोग विवेक से करने पर लाभ ही लाभ है। यह एक ऐसी जलती हुई मशाल है, जिससे अंधकार मिटाया जा सकता है, भुखमरी दूर की जा सकती है और संपूर्ण मानवता की सेवा की जा सकती है। विज्ञान का सही अथवा गलत उपयोग उपयोगकर्ता के मस्तिष्क पर निर्भर करता है। विज्ञान हमारे लिए वरदान है, तो अभिशाप भी है। ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का भाव हृदय में रखकर ही विज्ञान के अभिशाप से बचा जा सकता है, वरना आज का विज्ञान मानव के अस्तित्व को सदैव के लिए समाप्त कर देगा।

हमें विज्ञान के चमत्कारों में से जीवनोपयोगी चमत्कार ही पसंद करना चाहिए और जीवन को ध्वस्त करने वाले चमत्कार से दूर रहना चाहिए। विज्ञान के चमत्कार तो एक से बढ़कर एक हैं। विज्ञान द्वारा मानव जीवन में अपार परिवर्तन हुआ है। इन सबके बावजूद हमारे वैज्ञानिक मानव जीवन के हितकारी उपायों के लिए नित्यप्रति नये-नये आविष्कारों में जुटे हैं। आशा है, विज्ञान मानव की सुख-सुविधाओं के लिए आगे भी बहुत कुछ कर दिखाएगा।

विज्ञान के चमत्कार (Vigyan Ke Chamatkaar) पर अनमोल वचन – Best Quotes on WONDERS OF SCIENCE

इंजिनियर इतिहास का निर्माता रहा है और आज भी है । -जेम्स के.फिंक

वैज्ञानिक इस संसार का, जैसे है उसी रूप में अध्ययन करते हैं । इंजिनियर वह संसार बनाते हैं जो कभी था ही नहीं । -थिओडोर वान कर्मन

विज्ञान हमें ज्ञानवान बनाता है, लेकिन दर्शन हमें बुद्धिमान बनाता है ।-विल डुरनट

हम किसी भी चीज को पूर्णतः ठीक तरीके से परिभाषित नहीं कर सकते हैं । अगर ऐसा करने की कोशिश करें तो हम भी उसी वैचारिक पक्षाघात के शिकार हो जायेंगे जिसके शिकार दार्शनिक होते हैं । -रिचर्ड फेनिमैन

“विज्ञान लोगों को गरीबी और बीमारी से निकाल सकता है। और वो बदले में सामाजिक अशांति ख़त्म कर सकता है।” – स्टीफन हॉकिंग

“विज्ञान बेहद तेजी से उन सवालों का जवाब दे रहा है, जो कि धर्म के प्रांत थे।” – स्टीफन हॉकिंग

“विज्ञान में इतनी विभूति है कि वह काल चिन्हों को भी मिटा दे।” – प्रेमचंद

इंजीनियरिंग संख्याओं में की जाती है । संख्याओं की बिना विश्लेषण मात्र राय है । -अज्ञात

जिसके बारे में आप बात कर रहे हैं, यदि आप उसे माप सकते हैं और संख्याओं में व्यक्त कर सकते हैं तो आप आपने विषय के बारे में कुछ जानते हैं ; लेकिन यदि आप उसे माप नहीं सकते तो आपका ज्ञान बहुत सतही और असंतोषजनक हैं । -लॉर्ड केल्विन

पर्याप्त रूप से विकसित किसी भी तकनिकी और जादू में अंतर नहीं किया जा सकता । -आर्थर सी. क्लार्क

सभ्यता की कहानी , सार रूप में , इंजीनियरिंग की कहानी है – वह लम्बा और विकट संघर्ष जो प्रकृति की शक्तियों को मनुष्य के भले के लिए कम कराने के लिए किया गया । -एस डीकैम्प

मशीनीकरण करने के लिए यह जरुरी है की लोग भी मशीन की तरह सोचें । -सश्री जैकब

आवश्यकता डीजाइन का आधार है । किसी चीज को जरुरत से अल्पमात्र भी बेहतर डीजाइन करने का कोई औचित्य नहीं है । -अज्ञात

तकनीक के ऊपर ही तकनीक का निर्माण होता है ।हम तकनिकी रूप से विकास नहीं सकते यदि हममे ये समझ नहीं है की सरल के बिना जटिल का अस्तित्व संभव नहीं है । -अज्ञात

विज्ञान की तीन विधियाँ हैं – सिद्धांत, प्रयोग और सिमुलेशन । -अज्ञात

विज्ञान की बहुत सारी परिकल्पनाएं गलत हैं ; यह पूरी तरह ठीक है । ये परिकल्पनाएं ही सत्य प्राप्ति के झरोखें हैं । -अज्ञात

विज्ञान के चमत्कार (Vigyan Ke Chamatkaar) पर अनमोल वचन – Best Quotes on WONDERS OF SCIENCE

FAQ:-

जीव विज्ञान का जनक कौन है?

जीव विज्ञान का जनक अरस्तू को माना जाता है। – Father Of Biology. जीव विज्ञान शब्द को 1802 ई. में लैमार्क और ट्रेविरेनस ने दिया।

आधुनिक विज्ञान का जनक कौन है?

आधुनिक विज्ञान का जनक आधुनिक विज्ञान का जनक कौन गैलीलियो को माना जाता हैI

भौतिकी और रसायन विज्ञान के जनक कौन हैं?

भौतिकी के जनक (Father of physics in Hindi) गैलिलिओ गैलिलेइ (Galileo Galilei) है। और रसायन विज्ञान के जनक एन्टोनी लौरेन्ट डी लैवाशिये को माना जाता है I

भारत में विज्ञान का जनक कौन है?

अल्बर्ट आइंस्टाइन ने गैलीलियो गैलीली को आधुनिक विज्ञान का जनक कहा है। प्राचीन विज्ञान का पिता थेल्स को कहते है।

वनस्पति विज्ञान का जनक कौन है?

बीरबल साहनी को भारतीय पुरा-वनस्पति विज्ञान यानी इंडियन पैलियोबॉटनी का जनक माना जाता है। प्रो. साहनी ने भारत में पौधों की उत्पत्ति तथा पौधों के जीवाश्म पर महत्त्वपूर्ण शोध किए।

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