600 Words Essay speech on Television in Hindi

टेलीविजन पर 600 शब्दों में निबंध, भाषण । 600 Words Essay speech on Television in Hindi

टेलीविजन पर 600 शब्दों में निबंध, भाषण – 600 Words Essay speech on Television in Hindi

टेलीविजन से जुड़े छोटे निबंध जैसे टेलीविजन पर  600 शब्दों में  निबंध,भाषण  स्कूल में कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, और 12 में  पूछे जाते है। इसलिए आज हम  600 Words Essay speech on Television in Hindi के बारे में बात करेंगे ।

600 Words Essay Speech on Television in Hindi for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12

आधुनिक काल में विज्ञान के नये-नये आविष्कार हो रहे हैं। चारों तरफ मानव द्वारा दिए गए विज्ञान के उपहार भरे पड़े हैं। मनुष्य विज्ञान की शक्ति से आकाश में उड़ रहा है। देश-विदेश की घटनाओं को कानों से सुन भी रहा है और आंखों से देख भी रहा है। वह महासागरों को निर्भयता से पार कर रहा है। विज्ञान के चमत्कारों पर मनुष्य कभी हर्ष से उछल पड़ता है, तो कभी भय से कांप उठता है और कभी-कभी आश्चर्य से दांतों तले उंगली दबा लेता है।

‘टेलीविजन’ अंग्रेजी भाषा का शब्द है, जिसके लिए हिंदी में उपयुक्त शब्द ‘दूरदर्शन’ है। इस शब्द से स्पष्ट है कि हम घर बैठे दूर की चीजों का दर्शन करते हैं। टेलीविजन का आविष्कार बहुत पुराना नहीं है। उसका पहला सफल प्रयोग 1915 में ब्रिटेन के जॉन एल. बेयर्ड ने किया था। हमारे यहां टेलीविजन युग का आरंभ सन 1966 से माना जाता है।

सबसे पहले दिल्ली में टेलीविजन केंद्र स्थापित हुआ था। फिर सन 1972 तक कोलकाता, पुणे, अमृतसर, श्रीनगर, चेन्नई और कानपुर में भी दूरदर्शन केंद्र की स्थापना हुई। इस दिशा में अब भी तेजी से कार्य हो रहा है। पुणे और देहरादून में कृत्रिम उपग्रह के स्थापन की योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है, जिनके पूर्ण होते ही समग्र देश में टेलीविजन की सुविधा उपलब्ध हो जाने की संभावना है। दूरप्रेक्षण का यह कार्य अंतरिक्ष में स्थापित कृत्रिम उपग्रहों द्वारा ही संभव है।

टेलीविजन में जिस व्यक्ति अथवा वस्तु का चित्र भेजना होता है, उससे प्रक्षेपित प्रकाश की किरणों को पहले विद्युत तरंगों में बदला जाता है। टेलीविजन के कैमरे में जो चित्र बनता है, उसे सहस्रों बिंदुओं में बांट दिया जाता है। फिर उसके एक-एक बिंदु के प्रकाश और अंधकार को एक सिरे से क्रमशः विद्युत तरंगों में परिवर्तित किया जाता है। टेलीविजन का एरियल इन तरंगों को ग्रहण करता है और टेलीविजन सेट में लगे पुर्जे उन तरंगों को बिजली की तरंगों में बदल देते हैं। विद्युत तरंगों से टेलीविजन सेट में लगी एक बड़ी ट्यूब के अंदर इलेक्ट्रॉन नामक विद्युत कणों की धारा उत्पन्न की जाती है।

600 Words Essay speech on Television in Hindi
600 Words Essay speech on Television in Hindi

इस ट्यूब के सामने के भाग में भीतरी दीवार पर एक ऐसा रसायन लगा रहता है, जो इलेक्ट्रॉन के प्रहार चमकने लगता है। उदाहरण स्वरूप- सफेद कुत्ते वाले भाग पर अधिक चमक पैदा होगी, जबकि बालों पर इलेक्ट्रॉन का • प्रहार नहीं हो पाएगा और बाल काला ही रह जाएगा। टेलीविजन के लिए एक विशेष प्रकार के स्टूडियो बनाए जाते हैं, जहां वक्ता, गायक, नर्तक आदि के चित्र टेलीविजन के कैमरामैन विभिन्न कोणों से प्रतिक्षण खींचते हैं।

वर्तमान युग में टेलीविजन मनोरंजन का आधुनिक साधन है, जबकि रेडियो केवल बाह्य साधन मात्र है। रेडियो केवल श्रव्य है, जबकि टेलीविजन दृश्य और श्रव्य–दोनों ही है। टेलीविजन द्वारा हम कार्यक्रम में भाग ले रहे व्यक्तियों को तत्क्षण जीवित रूप में देखते हैं, मानो वे रंगमंच पर हमारे सामने सब कुछ कर रहे हों। टेलीविजन के लगभग उतने ही उपयोग हैं, जितने हमारी आंखों से संभव है। नाटक, संगीत सभा, खेलकूद आदि के दृश्य टेलीविजन के पर्दे पर देखकर हम अपना भरपूर मनोरंजन कर सकते हैं।

हमारे देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जब राष्ट्र के नाम संदेश प्रसारित करते हैं, तो हम सभी नागरिक टेलीविजन सेट के सामने बैठकर यह अनुभव करते हैं कि वे हमारे बीच उपस्थित होकर ही बोल रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी टेलीविजन का उपयोग अधिकाधिक सफलता से किया जा रहा है। धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक शिक्षा टेलीविजन के माध्यम से उपयोगी सिद्ध हो रही है।

आज बच्चा-बच्चा ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ की कथा से परिचित हो रहा है। किसानों को टेलीविजन के द्वारा खेती की नई-नई विधियां सिखाई जाती हैं। समुन्नत देशों में टेलीविजन का कैमरा ऑपरेशन की प्रत्येक बारीकी दूर की कक्षाओं में बैठे विद्यार्थियों को दिखा देता है। सागर की अतल गहराई की खोज में भी टेलीविजन का उपयोग होने लगा है।

टेलीविजन का सबसे आश्चर्यजनक चमत्कार पृथ्वी से दूर स्थित विभिन्न ग्रहों की साफ तस्वीर खींचकर दिखाना है। सबसे पहले सोवियत संघ में एक कृत्रिम उपग्रह में स्थित टेलीविजन कैमरे ने चंद्रमा की सतह के चित्र ढाई लाख मील दूर से पृथ्वी पर भेजे थे। चंद्र तल के अनेक रहस्यों का पता लगाने के बाद वैज्ञानिकों की दृष्टि उससे भी कई लाख गुना दूर स्थित मंगल, बृहस्पति आदि ग्रहों पर जा टिकी है। इनकी टोह लेने के लिए अनेक उपग्रह प्रक्षेपित किए गए

हैं, जिनका कैमरा हर क्षण पृथ्वी पर चित्र भेज रहा है। अब तो रंगीन टेलीविजन की सहायता से प्रदर्शित वस्तु को उसके प्राकृतिक रंगों में ही देखा जाता है। टेलीविजन कार्यक्रम योजना के अनुसार 34 प्रतिशत शिक्षा, 16 प्रतिशत मनोरंजन, 12 प्रतिशत कृषि, 9 प्रतिशत समाचारों, 8 प्रतिशत शिक्षा प्रशिक्षण, 9 प्रतिशत सामाजिक शिक्षा एवं प्रौढ़ शिक्षा तथा 2 प्रतिशत मौसम संबंधी समाचारों के प्रसारण-प्रदर्शन का समय दिया जाता है।

आशा है, कुछ ही वर्षों में भारत के नगरों के अतिरिक्त प्रत्येक गांव के प्रत्येक घर में टेलीविजन का प्रसार हो जाएगा और वह कृषि सुधार, परिवार नियोजन, मद्य निषेध, प्रौढ़ शिक्षा आदि क्षेत्रों में सामूहिक शिक्षा का एकमात्र साधन सिद्ध होगा। इसके द्वारा लोगों को मनोरंजन एवं ज्ञानवर्धन के विभिन्न साधन भी प्राप्त होंगे। दूरदर्शन आधुनिक युग के लिए जरूरी चीज हो जाएगी।

FAQ:-

भारत में टीवी की शुरुआत कब हुई थी?

15 सितंबर, 1959 

भारत में दूरदर्शन का पहला प्रसारण कब आरंभ हुआ?

15 सितंबर, 1959 

भारत में रंगीन दूरदर्शन का प्रारंभ कब हुआ?

1982

टेलीविजन का आविष्कार किसने किया था?

जॉन लोगी बेयर्ड ने 1925 में

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