रक्षा बंधन पर 600 शब्दों में निबंध, भाषण । 600 Words Essay speech on Raksha Bandhan in Hindi
रक्षा बंधन से जुड़े छोटे निबंध जैसे रक्षा बंधन पर 600 शब्दों में निबंध,भाषण स्कूल में कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, और 12 में पूछे जाते है। इसलिए आज हम 600 Words Essay speech on Raksha Bandhan in Hindi के बारे में बात करेंगे ।
600 Words Essay Speech on Raksha Bandhan in Hindi for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12

प्राचीन काल में यज्ञों एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठानों को करते समय इसमें सम्मिलित होने वाले लोगों की कलाइयों पर मंत्राभिषिक्त सूत्र बांधा जाता था। यह परंपरा आज भी चली आ रही है। सूत्र को यज्ञ शक्ति का प्रतीक समझा जाता है। इस प्रकार सूत्र को कलाई पर बांधने के पीछे यह विचारधारा रहती है कि यज्ञ स्थल पर सूत्र धारण करने वाले व्यक्ति की हर उपद्रव से रक्षा होगी। कालांतर में इसी रक्षा-सूत्र का नाम रक्षा-बंधन पड़ गया।
वर्तमान में रक्षा-बंधन मुख्यतः भाई-बहन के प्रेम के त्योहार के रूप में मनाया जाने लगा है। यह हर साल सावन की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहन सुबह ही स्नान कर तैयार हो जाती है। इसके बाद वह थाली में आरती के सामान सजाकर भाई की आरती उतारती है और भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसके दाएं हाथ की कलाई में राखी बांध देती है। साथ ही बहन भाई । मिठाई खिलाती है। भाई भी बदले में शुभकामना एवं उपहार आदि देता है। इस दिन ब्राह्मण लोग अपने यजमानों को रक्षा-सूत्र बांधते हैं और यजमान उन्हें श्रद्धापूर्वक दान देते हैं। राखी बांधते समय ब्राह्मण यह मंत्र बोलते हैं
येन बद्धो बलिराजा दानवेंद्रो महाबलः । तेन त्वां प्रतिबध्नामि रक्षे माचल माचल ॥
रक्षा मंत्र
उक्त मंत्र से संबंधित पुराण में एक कथा है। भगवान विष्णु वामन का रूप धारण कर दानवों के राजा बलि का सर्वस्व हर लेते हैं। इतने पर भी राजा बलि को धर्मच्युत न होते देखकर भगवान प्रसन्न होकर उसे पाताल लोक प्रदान करते हैं और उसके यहां द्वारपाल बन जाते लक्ष्मी जी अपने पति को न पाकर चिंतित हो जाती हैं। नारद जी लक्ष्मी के इस संकट का निवारण करते हैं।
तब लक्ष्मी पाताल लोक जाती हैं। वहां वे राजा बलि से भाई का संबंध जोड़कर उसे राखी बांध देती हैं। राखी के बदले लक्ष्मी जी राजा बलि से अपने पति विष्णु को मांगती हैं। राजा बलि राखी के बंधन से बंधकर भगवान विष्णु को द्वारपाल के पद से मुक्त कर देते हैं। यह है-राखी का पौराणिक महत्व।
रक्षा-बंधन से संबंधित एक ऐतिहासिक घटना भी उल्लेखनीय है। बहादुर शाह द्वारा मेवाड़ पर आक्रमण कर दिया गया। मेवाड़ की रानी कर्णवती निः थीं। कर्णवती ने मन ही मन हुमायूँ को अपना भाई मानकर अपनी रक्षा के लिए उसके पास राखी भेज दी। फिर क्या था, राखी के बंधन में बंधकर हुमायूँ युद्ध क्षेत्र में कूद पड़ा और राखी की लाज रख ली। यह रक्षा-बंधन का पवित्र भाव है।
इसी दिन से बहन द्वारा राखी बांधने की परंपरा प्रचलित हो गई। लेकिन वर्तमान में यह त्योहार व्यवसाय का रूप लेता जा रहा है। कुछ बहनें रक्षा बंधन के भाव के बदले भाई से कीमती चीजें मांगती हैं।
ऐसे में रक्षा-बंधन की पवित्रता गौण हो जाती है। उन्हें यह स्मरण रखना चाहिए कि रक्षा-बंधन व्यवसाय का बंधन नहीं है, यह तो मानवीय भावों का बंधन है। यह प्रेम, त्याग और कर्तव्य का बंधन है। इस बंधन में एक बार बंध जाने पर इसे तोड़ना बड़ा कठिन होता है। इन धागों में इतनी शक्ति होती है कि उसे जंजीर भी नहीं तोड़ सकती। रक्षा-बंधन का पर्व यह संदेश देता है कि नारी समाज की धुरी है। इसकी रक्षा प्रेम और सम्मान के साथ करना चाहिए।
रक्षा बंधन पर अनमोल वचन – Best Quotes on Raksha Bandhan
वो किस्मत वाले हैं, जिनके पास बहन है !
“अक्सर रिश्ते दूरियों से फीके पड़ जाते हैं, पर बहन-भाई का प्यार कभी कम नहीं होता..”
बहन का प्यार यानि ईश्वर का आशीर्वाद
“राखी कर देती है, सारे गिले-शिकवे दूर …इतनी ताकतवर होती है कच्चे धागों की पावन डोर”
कभी-कभी भाई होना किसी हीरो से कम नहीं लगता।
“कभी हमसे लड़ती है, कभी हमसे झगड़ती है, लेकिन बिना कहे हमारी हर बात को समझने का हुनर भी बहन ही रखती है।”
“मैंने अपनी आत्मा को खोजा, लेकिन मैं अपनी आत्मा नहीं देख पायी। मैंने अपने भगवान् को खोजा, लेकिन मै भगवान् से नहीं मिल पायी। मैंने अपने भाई को खोजा और मुझे तीनो मिल गए।”
“दूसरो की बहन के बारे में उतना ही बोलो, जितना खुद की बहन के बारे में सुन सको..”
बहन का प्यार वाकई में शक्तिशाली होता है।
“बहनें हसीं बांटती हैं और आंसू पोंछती है अच्छे दोस्त मिलेंगे और बिछड़ जायेंगे, लेकिन एक बहन हमेशा सच्चे दोस्त की तरह साथ देती है..”
“याद है हमारा वो बचपन, वो लड़ना – झगड़ना और वो मना लेना,यही होता है भाई – बहन का प्यार, और इसी प्यार को बढ़ाने के लिए आ रहा है रक्षा बंधन का त्यौहार। …”
दीदी ! मुझे तुममे माँ नजर आती है !
“रिश्ता है जन्मों का हमारा भरोसे का और प्यार भरा, चलो भईया, इसे बाँधे राखी के अटूट बँधन में”
जान कहने वाली कोई गर्लफ्रेंड हो या ना हो, लेकिन ओय हीरों कहने वाली बहन जरुर होनी चाहिए..
बहन के प्यार और डाँट से अनमोल कुछ नहीं
प्यार का एक नाम बहन भी होता है !
चन्दन की डोरी ,फूलों का हार ,
आया सावन का महीना और राखी का त्यौहार ,
जिसमें झलकता है भाई – बहन का प्यार“तुम इतने अलग हो सकते हो जितने सूरज और चंद्रमा, लेकिन तुम दोनों के दिलों से एक ही खून बहता है। तुम्हे उसकी ज़रूरत है, जैसे उसे तुम्हारी ज़रूरत है।”
बहना ने भाई की कलाई से प्यार बाँधा है, प्यार से दो तार से, संसार बाँधा है“जब बहनें कंधे से कन्धा मिला कर खड़ी हों, तो उनका मुकाबला कौन कर सकता है?”
एक बहन के होने के बारे में जो सबसे अच्छी चीज थी कि मेरे पास हमेशा एक दोस्त थाकभी हमसे लड़ती है, कभी हमसे झगड़ती है, लेकिन बिना कहे हमारी हर बात को समझने का हुनर भी बहन ही रखती है।
फूलों का तारों का सबका कहना है, एक हजारों में मेरी बहना हैं…भाई सभी के जीवन में एक फ़रिश्ते कि तरह होते है
“मैं, जिसके कोई भाई या बहन नहीं हैं, उन लोगों को कुछ भोली जलन के साथ देखता हूँ जिन्हें कहा जा सकता है कि वे दोस्तों के साथ पैदा हुए।”
मेरी बहन ! तू मेरा जहान है
“एक खुशहाल परिवार से बड़ा कोई धन नहीँ, पिता से बड़ा कोई सलाहकार नहीं, माँ की ममता से बड़ा कोई प्यार नहीं, भाई से अच्छा कोई भागीदार नहीं, इसीलिए “परिवार” के बिना जीवन नहीँ”!”
“माँ का दूसरा रूप बहन होती है.. बहनें खुशनसीबी का प्रतीक होती है..”
भैया ! तुम ना होते तो मेरा बचपन इतना प्यारा नहीं होता !
“तोड़े से भी ना टूटे जो ऐसा ये मन – बंधन है, इस बंधन को सारी दुनिया कहती रक्षाबंधन हैं!!
तुम भी इस कच्चे धागे का मान जरा-सा रख लेना, कम से कम राखी के दिन बहाना का रस्ता तक लेना!!”बहन बचपन का एक ख़ास हिस्सा होती है।
“बहन का प्यार एक सफ़ेद रोशनी है, जिसमे हमारे बचपन कि किलकारियां एक संगीत बनकर गूंजती है!”
मेरी सिस्टर और मैं इतने करीब हैं कि हम एक दूसरे के सेंटेंस ख़तम कर देते हैं और अक्सर सोचते हैं कि किसकी मेमोरी किसको बिलौंग करती है.
साथ पले और साथ बढ़े हैं , खूब मिला बचपन में प्यार।,
भाई बहन का प्यार बढ़ाने आया ये त्यौहार ,रिश्ता है जन्मों का हमारा , भरोसे का और प्यार भरा ,
रक्षा बंधन पर अनमोल वचन – Best Quotes on Raksha Bandhan
चलो भईया, इसे बाँधे राखी के अटूट बँधन में
FAQ:-
राखी बंधन क्यों मनाया जाता है?
प्राचीन काल में यज्ञों एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठानों को करते समय इसमें सम्मिलित होने वाले लोगों की कलाइयों पर मंत्राभिषिक्त सूत्र बांधा जाता था। यह परंपरा आज भी चली आ रही है। सूत्र को यज्ञ शक्ति का प्रतीक समझा जाता है। इस प्रकार सूत्र को कलाई पर बांधने के पीछे यह विचारधारा रहती है कि यज्ञ स्थल पर सूत्र धारण करने वाले व्यक्ति की हर उपद्रव से रक्षा होगी। कालांतर में इसी रक्षा-सूत्र का नाम रक्षा-बंधन पड़ गया।
रक्षा बंधन कैसे शुरू हुआ?
भगवान विष्णु वामन का रूप धारण कर दानवों के राजा बलि का सर्वस्व हर लेते हैं। इतने पर भी राजा बलि को धर्मच्युत न होते देखकर भगवान प्रसन्न होकर उसे पाताल लोक प्रदान करते हैं और उसके यहां द्वारपाल बन जाते लक्ष्मी जी अपने पति को न पाकर चिंतित हो जाती हैं। नारद जी लक्ष्मी के इस संकट का निवारण करते हैं। तब लक्ष्मी पाताल लोक जाती हैं। वहां वे राजा बलि से भाई का संबंध जोड़कर उसे राखी बांध देती हैं। राखी के बदले लक्ष्मी जी राजा बलि से अपने पति विष्णु को मांगती हैं। राजा बलि राखी के बंधन से बंधकर भगवान विष्णु को द्वारपाल के पद से मुक्त कर देते हैं। यह है-राखी का पौराणिक महत्व।
रक्षा बंधन कब है ?
11 अगस्त 2022 गुरूवार
30 अगस्त 2023 बुधवार
19 अगस्त 2024 सोमवार
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मै आशा करती हूँ कि रक्षा बंधन पर लिखा यह निबंध ( रक्षा बंधन पर 600 शब्दों में निबंध,भाषण । 600 Words Essay speech on Raksha Bandhan in Hindi) आपको पसंद आया होगा I साथ ही साथ आप यह निबंध/लेख अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ जरूर साझा (Share) करेंगें I
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