दुर्गा पूजा पर 600 शब्दों में निबंध, भाषण । 600 Words Essay speech on Durga Pooja in Hindi
दुर्गा पूजा से जुड़े छोटे निबंध जैसे दुर्गा पूजा पर 600 शब्दों में निबंध,भाषण स्कूल में कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, और 12 में पूछे जाते है। इसलिए आज हम 600 Words Essay speech on Durga Pooja in Hindi के बारे में बात करेंगे ।
600 Words Essay Speech on Durga Pooja in Hindi for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12
मानव-जीवन की पूर्णता के लिए शास्ववल के साथ-साथ का होना आवश्यक है। शास्त्रबल और शस्वबल-दोनों के संयोग से हो हमारा राष्ट्र सुरक्षित रह सकता है। शास्त्रवल के लिए हम सरस्वती की आराधना करते हैं. और शस्त्रबल के लिए मां दुर्गा की। दुर्गा पूजा हिंदुओं का एक धार्मिक पर्व है, जिसमें शक्ति प्राप्ति के लिए आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा की जाती है।
दशहरा, विजया दशमी एवं दुर्गा पूजा आदि इसी पर्व के नाम हैं। इन सभी नामों के पीछे धार्मिक कारण लगभग एक ही है। इन नामों की सार्थकता भगवान श्रीराम की कथा से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि भगवान श्रीराम ने आश्विन शुक्ल दशमी को ही दुष्ट रावण पर विजय पाई थी, इसलिए इस पर्व को ‘विजय दशमी’ कहते हैं। चूंकि इसी दिन दशमुख वाले रावण की हार हुई थी, इसीलिए इस पर्व का दूसरा नाम ‘दशहरा’ है।
ऐसी भी कथा है कि राम-रावण युद्ध में रावण का वध श्रीराम के लिए कठिन होता जा रहा था। अतः श्रीराम ने शक्ति की देवी मां दुर्गा की उपासना की। उपासना से प्रसन्न होकर देवी ने श्रीराम को रावण वध का आशीर्वाद दिया। उसके बाद ही श्रीराम दशानन रावण का वध कर सके। इसीलिए इस पर्व का एक नाम ‘दुर्गा पूजा’ भी है।
इस पर्व के पीछे एक अन्य पौराणिक कथा है। महिषासुर नामक राक्षस एक अत्याचारी राजा था। उसके अत्याचारों से जनता त्रस्त थी। देवता भी उससे भयभीत रहते थे। तब सभी ने मिलकर महाशक्ति की उपासना की। भक्तों की प्रार्थना से प्रसन्न होकर आदिशक्ति दुर्गा प्रकट हुईं। उन्होंने अपनी अनंत शक्ति से महिषासुर, शुंभ-निशुंभ, मधु-कैटभ आदि भयंकर राक्षसों का संहार किया। इसके बाद सर्वत्र शांति एवं उल्लास का वातावरण छा गया। मां दुर्गा के प्राकट्य एवं राक्षसों के संहार की स्मृति में दुर्गा पूजा का पर्व मनाया जाता है।(600 Words Essay speech on Durga Pooja)
दुर्गा पूजा का त्योहार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को मनाया जाता है। मां दुर्गा की भव्य मूर्तियां महीनों पहले से ही बननी प्रारंभ हो जाती हैं। इन मूर्तियों में मां को सिंह पर सवार दिखाया जाता है। मां का एक पैर महिषासुर के कंधे पर और उनकी बरछी असुर की छाती में धंसी रहती है । माँ के के दस हाथ होते हैं। सभी हाथ अस्त्र-शस्त्र से सुसज्जित रहते हैं।
कहीं-कहीं उनके दाएं भाग में लक्ष्मी और बाएं भाग में सरस्वती विराजती है। गणेश और कार्तिकेय भी साथ में रहते हैं। यह शक्ति, ज्ञान और धन के समन्वय का प्रतीक है। ऐसी ही भव्य मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित किया जाता है, जहां अश्विन प्रतिपदा से लेकर नवमी तक लगातार दुर्गा पाठ होता है। इसे ‘नवाहन पाठ’ कहते हैं। लोग पवित्रता के साथ अपने घरों में भी नवाहन पाठ करते हैं। प्रत्येक श्रद्धालु मां की मूर्ति के पास हाथ जोड़कर यह वर मांगता है-
महिषासुर निवर्णाशि भक्तानां सुखदे नमः ।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ॥
600 Words Essay speech on Durga Pooja
अर्थात महिषासुर राक्षस का विनाश करने वाली और भक्तों को सुख देने वाली माता तुम्हें नमस्कार है। तुम हमें रूप दो, विजय दो, यश दो एवं हमारे दुर्गुणों का नाश करो।(600 Words Essay speech on Durga Pooja)
दशमी को खूब चहल-पहल रहती है। पूजा स्थल पर कहीं-कहीं मेले भी लगाए जाते हैं। कुछ शहरों में इस दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले बनाकर जलाए जाते हैं। यह दृश्य अत्यंत आकर्षक और लोमहर्षक होता है। इसके बाद दूसरे दिन बड़ी धूमधाम से जुलूस निकालकर मां दुर्गा की मूर्ति को किसी तालाब या नदी में विसर्जित कर दिया जाता है।
परंतु आजकल जिस ढंग से दुर्गा पूजा का पर्व मनाया जाता है, उससे इस पर्व की पवित्रता एवं महत्ता घट रही है। पूजा के लिए जबरदस्ती चंदे की उगाही होती है। इससे भाई-चारे के संबंध में कटुता आने का भय रहता है। पूजा स्थल पर फिल्मी गीत बजाए जाते हैं। इससे मां के मंत्र का प्रभाव नष्ट हो जाता है एवं ध्वनि प्रदूषण में भी वृद्धि होती है।
दुर्गा पूजा का मर्म तो अपने अंदर के काम, क्रोध और मोह का नाश कर आत्मबली बनने से है। रावण, कुंभकर्ण तथा मेघनाद का वध काम, क्रोध और मोह के नाश का प्रतीक है। अतएव प्रत्येक श्रद्धालु को दुर्गा पूजा में यही भाव रखना चाहिए।(600 Words Essay speech on Durga Pooja)

नवरात्रि दुर्गा पूजा कोट्स अनमोल विचार | Happy Navratri Quotes Durga Pooja Anmol Vichar
लक्ष्मी का हाथ हो, सरस्वती का साथ हो, गणेश का निवास हो, और माँ दुर्गा के आशीर्वाद से आपके जीवन में प्रकाश ही प्रकाश हो॥
प्यार का तराना उपहार हो, खुशियों का नज़राना बेशुमार हो, ना रहे कोई गम का एहसास, ऐसा नवरात्र उत्सव इस साल हो.॥
माता का जब पर्व है आता, ढेरों खुशियां साथ है लाता, इस बार माँ आपको वो सबकुछ दे, जो कुछ आपका दिल है चाहता।।
माँ की आराधना का ये पर्व है, माँ की 9 रूपों की भक्ति का ये पर्व है, बिगड़े काम बनाने का ये पर्व है, भक्ति का दिया दिल में जलाने का पर्व है…
माता रानी वरदान ना देना हमे !! बस थोडा सा प्यार देना हमे !! तेरे चरणों में बीते ये जीवन सारा !! एक बस यही आशीर्वाद देना हमे !!
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
हे माँ तुमसे विश्वास ना उठने देना, तेरी दुनिया में भय से जब सिमट जाऊं, चारो ओर अँधेरा ही अँधेरा घना पाऊं, बन के रोशनी तुम राह दिखा देना..!
जब जब याद किया तुझे ए माँ, तूने आँचल में अपने आसरा दिया। कलयुगी इस जहां में, एक तूने ही सहारा दिया।
जगत पालन हार हैं माँ, मुक्ति का धाम हैं माँ, हमारी भक्ति का आधार हैं माँ, हम सबकी रक्षा की अवतार हैं माँ॥
लक्ष्मी का हाथ हो, सरस्वती का साथ हो, गणेश का निवास हो, और माँ दुर्गा के आशीर्वाद से आपके जीवन में प्रकाश ही प्रकाश हो॥
माँ तेरे चरणों में स्वर्ग हैं, माँ तेरे आशीष में प्रेम हैं, माँ तेरी भक्ति में शक्ति हैं.. माँ तेरी आराधना में शांति हैं..
हो जाओ तैयार, माँ अम्बे आने वाली हैं, सजा लो दरबार माँ अम्बे आने वाली हैं। तन, मन और जीवन हो जायेगा पावन, माँ के कदमो की आहट से, गूँज उठेगा आँगन।
सारी रात माँ के गुण गायें, माँ का ही नाम जपें, माँ में ही खो जाएँ॥
जब जब याद किया तुझे ए माँ, तूने आँचल में अपने आसरा दिया। कलयुगी इस जहां में, एक तूने ही सहारा दिया॥
माता जिनको याद करे वोह लोग निराले होते हैं… माता जिनको नाम पुकारे किस्मत वाले होते हैं…चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है…
जब भी मैं बुरे समय से घबराती हूँ, मेरी पहाड़ों वाली माता की आवाज आती हैं, रुक मैं अभी आती हूँ।शेरों वाली मैया के दरबार में दुःख -दर्द मिटाये जाते हैं, जो भी दर पर आते है… शरण में लिए जाते हैं॥
हम को था इंतज़ार वो घडी आ गयी, होकर सिंह पर सवार माता रानी आ गयी, होगी अब मन की हर मुराद पूरी, हरने अब सारे दुःख माता द्वार आ गयी॥
नवरात्री मे सुबह सुबह लो मां का नाम, पूरे होंगे अधूरे बिगड़े काम!
कभी ना हो दुखों का सामना, पग पग माँ दुर्गा का आशिर्वाद मिले।।
मां दुर्गा, मां अंबे, मां जगदंबे, मां भवानी, मां शीतला, मां वैष्णो, मां चंडी, माता रानी मेरी और आपकी मनोकामना पूरी करें ॥माँ की आराधना का ये पर्व हैं, माँ के नौ रूपों की भक्ति का पर्व हैं, बिगड़े काम बनाने का पर्व हैं, भक्ति का दिया दिल में जलाने का पर्व हैं,॥
प्यार का तराना उपहार हो, खुशियों का नज़राना बेशुमार हो, ना रहे कोई गम का एहसास, ऐसा नवरात्र उत्सव इस साल हो..!!
लाल रंग की चुनरी से सजा माँ का दरबार, हर्षित हुआ मन, पुलकित हुआ संसार, नन्हे नन्हे क़दमों से माँ आये आपके द्वार,
हो जाओ तैयार, माँ अम्बे आने वाली हैं, सजा लो दरबार माँ अम्बे आने वाली हैं।, तन, मन और जीवन हो जायेगा पावन, माँ के कदमो की आहट से, गूँज उठेगा आँगन।।
जगत पालन हार हैं माँ, मुक्ति का धाम हैं माँ, हमारी भक्ति का आधार हैं माँ, हम सबकी रक्षा की अवतार हैं माँ॥
माँ कि ज्योति से प्रेम मिलता है, सबके दिलो को मर्म मिलता है, जो भी जाता है माँ के द्वार कुछ न कुछ जरुर मिलता है॥
नवरात्रि दुर्गा पूजा कोट्स अनमोल विचार | Happy Navratri Quotes Durga Pooja Anmol Vichar
FAQ:-
2022 में दुर्गा मेला कब है?
इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरूआत 2 अप्रैल 2022 से होगी और इसका समापन 11 अप्रैल 2022 को होगाI
दुर्गा पूजा के 10 दिन कौन से हैं?

दुर्गा पूजा में सबसे महत्वपूर्ण दिनों को महालय, षष्ठी, महा सप्तमी, महा अष्टमी, महा नवमी और विजयदशमी के रूप में जाना जाता है।
1 (पहला दिन)- मां शैलपुत्री की पूजा
2 (दूसरा दिन)- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
3 (तीसरा दिन)- मां चंद्रघंटा की पूजा
4 (चौथा दिन)- मां कुष्मांडा की पूजा
5 (पांचवा दिन)- मां स्कंदमाता की पूजा
6 (छठा दिन)- मां कात्यायनी की पूजा
7 (सातवां दिन)- मां कालरात्रि की पूजा
8 (आठवाँ दिन)- मां महागौरी की पूजा
9 (नौवां दिन)- मां सिद्धिदात्री की पूजा
10 (दसवां दिन)- नवरात्रि पारण
2022 दुर्गा पूजा सप्तमी कब है?

8 अप्रैल (सातवां दिन)- मां कालरात्रि की पूजा
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मै आशा करती हूँ कि दुर्गा पूजा पर लिखा यह निबंध ( दुर्गा पूजा पर 600 शब्दों में निबंध,भाषण । 600 Words Essay speech on Durga Pooja in Hindi) आपको पसंद आया होगा I साथ ही साथ आप यह निबंध/लेख अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ जरूर साझा (Share) करेंगें I
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संघ लोक सेवा आयोग का एग्जाम कैलेंडर {Exam Calendar Of -UNION PUBLIC COMMISSION (UPSC) लिंक/Link