दीपावली पर 600 शब्दों में निबंध, भाषण – 600 Words Essay speech on Deepawali in Hindi
दीपावली से जुड़े छोटे निबंध जैसे दीपावली पर 600 शब्दों में निबंध,भाषण स्कूल में कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, और 12 में पूछे जाते है। इसलिए आज हम 600 Words Essay speech on Deepawali in Hindi के बारे में बात करेंगे ।
600 Words Essay Speech on Deepawali in Hindi for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12
‘दीपावली’ में ‘दीप’ और ‘अवली’ दो शब्द है, जिनका शाब्दिक अर्थ है-दीपों की कतार सचमुच दीपावली में दीपों को कतारों में सजाकर जलाया जाता है। दीपावली की रात बड़ी होती है। हम रात्रि की कालिमा एवं भयावहता को असंख्य दीप जलाकर दूर भगाते हैं। इस प्रकार दीपावली का लक्ष्यार्थ हुआ अंधकार से प्रकाश की ओर जाना-तमसो मा ज्योतिर्गमय।
दीपावली के साथ अनेक धार्मिक, ऐतिहासिक एवं वैज्ञानिक कारण जुड़े हुए हैं। धार्मिक कारणों में श्रीराम से जुड़ी कहानी सबसे अधिक प्रचलित एवं मान्यता प्राप्त है। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम लंका विजय के पश्चात अयोध्या लौटे थे। 14 वर्षों के वनवास के बाद श्रीराम के पुनः आगमन की खुशी में अयोध्या वासियों ने घर-घर में दीप जलाकर अपने मन का उल्लास प्रकट किया था। तभी से दीपावली की परंपरा चल पड़ी। गोस्वामी तुलसीदास ने ‘गीतावली’ में अयोध्या की दीपावली का वर्णन करते हुए लिखा है-
सांझ समय रघुवीर पुरी की शोभा आज बनी। ललित दीपमालिका विलोकहि हितकर अवध बनी ॥
गोस्वामी तुलसीदास ‘गीतावली’
दूसरी प्रचलित कथा महादेव एवं महाकाली से संबंधित है। जनश्रुति है कि असुरों के संहार के पश्चात भी महाकाली का क्रोध शांत नहीं हुआ था। वे जनसंहार करने पर तुल गईं। ऐसा प्रतीत होने लगा कि अब विश्व का विनाश अत्यंत निकट है। तब देवाधिदेव महादेव शंकर काली के आगे लेट गए। मां काली का पांव जैसे ही महादेव के वक्ष पर पड़ा, वे शांत हो गईं। इस प्रकार विश्व का विनाश टला। इसी खुशी में दीपावली की परंपरा चल पड़ी।
इसी प्रकार दीपावली पर्व से कई अन्य धार्मिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। इन धार्मिक कथाओं के अतिरिक्त अनेक ऐतिहासिक महापुरुषों की घटनाएं भी दीपावली से जुड़ी हैं। स्वामी शंकराचार्य के निर्जीव शरीर में इसी दिन पुनः प्राण का संचार हुआ था। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर एवं आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती का निर्वाण भी इसी दिन हुआ था जिससे इस तिथि की महत्ता काफी बढ़ गई। स्वामी रामतीर्थ के जीवन के इस पर्व का विशेष संबंध है। उनका जन्म, संन्यास और महानिर्वाण इसी दिन हुआ उनके अनुयायी इसे ‘राम दिवस’ के रूप में मनाते हैं।
दीपावली पर्व के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। वर्षा ऋतु के बाद घरों में सीलन उत्पन्न हो जाती है, चारों ओर गंदगी फैल जाती है। स्वास्थ्य के दुश्मन मच्छरों एवं मक्खियों की संख्या भी काफी बढ़ जाती है। वर्षा की समाप्ति एवं दीपावली के आगमन की खुशी में मकानों की लिपाई-पुताई की जाती है। इससे मच्छरों के रहने का स्थान समाप्त हो जाता है। यही नहीं, दीपावली में असंख्य दीपों की ज्वाला में अनगिनत मच्छर एवं कीड़े आदि जल मरते हैं।
दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इसके कुछ दिन पूर्व से ही महिलाएं घरों की सफाई में लग जाती हैं। सुंदर-सुंदर रंगों की पुताई से घर सुशोभित हो उठता है। दीपावली की सुबह से ही बच्चियां घरौंदे सजाने में जुट जाती हैं। बच्चे खिलौने, पटाखों एवं मोमबत्तियों की खरीदारी में व्यस्त नजर आते हैं। हर घर से स्वादिष्ट पकवानों की खुशबू आने लगती है।
घर-घर में लक्ष्मी की पूजा होती है। व्यापारी लोग काफी धूमधाम से इस दिन लक्ष्मी पूजन करते हैं। शाम होते ही क्या शहर, क्या गांव-सभी दीपों की रोशनी जगमगा उठते हैं। सभी में यह प्रतिस्पर्द्धा रहती है कि मेरा घर ज्यादा जगमग दिखाई पड़े। इसका कारण इस मान्यता से है कि इस दिन लक्ष्मी जी घूम घूमकर यह देखती हैं कि किन घरों में स्वच्छता, रोशनी और भक्ति हैं। फिर वे वहां निवास कर उस घर को धन-धान्य से पूर्ण कर देती हैं।
प्रत्येक वस्तु के अच्छे और बुरे पक्ष होते हैं। दीपावली जहां आनंद का पर्व है, वहीं यह दुख का कारण भी बन जाती है। कभी-कभी पटाखों को असावधानी पूर्वक जलाने से आग भी लग जाती है। साथ ही अधिक मात्रा में जलाए जाने पर प्रदूषण फैलता है। दीपावली की ओट में लोग अपना सर्वस्व जुए में लगा देते हैं। यह एक घृणित व्यसन है। दीपावली की रात लोग घरों को खुला छोड़ देते हैं। कभी-कभी परिणाम उल्टा हो जाता है और लक्ष्मी जी रूठ जाती हैं।
अतः दीपावली के इस पुनीत अवसर पर हमें सभी प्रकार के अंधविश्वासों और हेय कार्यों का परित्याग करना चाहिए। दीपावली से प्रेरणा लेकर हमें शुभ कार्य करने चाहिए, ताकि अभावों में जी रहे लोगों के लिए खुशी का दीया जल सके। तभी दीपावली का मुख्य उद्देश्य ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ सार्थक होगा।

दीपावली पर अनमोल वचन – Best Quotes on Deepawali
पैसो की बारिश हो इतनी, हर जगह आपका नाम हो
दिन रात आपको लाभ मिले, ये दिवाली आपके लिए खास होIदिल आसानी से लगाये जाते है, पर मुश्किल से वादे निभाए जाते है
मोहब्बत हमें उन राहों पे ले आती है, जहाँ दियो के बदले दिल जलाये जाते हैंIरौशनी की यह रात आई है, खुशियों की सौगात साथ लाई है
देखो आज ज़मीन पर जैसे, सितारों की बारात आई हैIपटाखों की आई आवाज, देखो गूँज रहा सारा संसार
दिए की रोशनी व अपनों का प्यार, मुबारक हो आपको दीपावली का त्यौहारIदिवाली के पटाखों की तरह, अपने दर्द को आज तोड़ दो
मन हो जितनी बुराई, आज तुम सब छोड़ दोIदीवाली के मौके पर, स्वच्छता की शपथ लेते है
अपने प्यारे देश में, एकता की शपथ लेते हैIआपके सिर पर लक्ष्मी जी का हाथ हो, मुंह में सरस्वती जी का साथ हो
दिल में गणेश जी का निवास हो, आपके जीवन में खुशियों का प्रकाश होIये दीप जगमगाते रहे, सभी घर झिलमिलाते रहे
साथ हो सभी अपने, सब यूँही मुस्कुराते रहेIदीपों का ये त्यौहार पावन, लक्ष्मी जी आपके द्वार विराजें
आपके लिए लाये ख़ुशियाँ हज़ार, शुभकामनाएं हमारी करे स्वीकारIदिवाली आप भी मनाते हो, दिवाली हम भी मनाते है
फ़र्क़ बस इतना हैं की, तुम दिल जलाते हो व हम दिए जलाते हैIभगवान करे हो हर घर उजाला, आये न कभी कोई रात काली
हर घर में हों खुशियाँ, हर घर में हो रोशन दिवालीIदीये जले तो रोशन आपका जहान हो, पूरा आपका हर अरमान हो
माँ लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहे, इस दिवाली आपके पास खुशियों का भंडार होIजले प्यार के जुगनू, प्यार की हो फुलझड़ियां
प्यार के फूल खिले, प्यार की हो पंखुड़ियाIदीपावली का यह शुभ समय, मन का अपना अन्धकार मिटायें
मिठाइयां खाओ पटाखे जलाये, यह त्यौहार को अपनों के साथ मनाएंIकदम चूमे सफलता आपकी, खुशियाँ आसपास घुमती रहे
यश आपका फैलते रहे, लक्ष्मी की कृपा आप पर बरसती रहेIमांगते है दुआ अपने भगवान से, ख़ुशी चाहते आपकी पूरे विश्वास से
आपकी ख्वाइशें हो पूरी, आप जियें दिलो जान सेIदिवाली खुशियों का त्यौहार, हर चेहरे पर मुस्कान लाये
आये सुख और प्यार की बहार, सारी खुशियाँ आपके पास आयेIदिवाली की ये रात मगर किस्मत में अँधेरा है, ना चाहते थे गम ना आया सवेरा है
जुदा हमारा होना लिखा था लकीरो में, इसमें कसूर ना तेरा और ना मेरा हैIदीपक की रोशनी से सारा जग जगमगाये, सीता माता को साथ लेकर राम जी आये
हर शहर लगे जैसे अयोध्या, आओ हर द्वार पर हम दीप जलायेIअमावस्या की आये ये सुहानी रात, माँ लक्ष्मी का हो आप पर आशीर्वाद
जगमगाते दीपों के साथ चले, धरती पर चमकते सितारों की बारातIफूल की शुरुआत कली से होती है, ज़िन्दगी की शुरुआत प्यार से होती है
प्यार की शुरुआत अपनों से होती है, दिवाली की शुरुआत आपसे होती हैIदियों की रोशनी वाला आँगन हो, पटाखों की गूँज से आकाश रोशन हो
आये कुछ ऐसे यह दिवाली, हर तरफ़ बस खुशियों का मौसम होIइस ज़माने की याद में मुझे ना भुला देना, कभी मेरी याद आये तो थोडा मुस्कुरा देना
अगर रहे जिंदा तो फिर मिलेंगे, वरना मेरे नाम का एक दीया दिवाली पर जला लेनाIरोशनी भी होगी, होंगे चिराग भी, आवाज़ भी होगी, होंगे साज़ भी
तेरे इन्तजार की है मुझे काली, बिन तेरे बहुत सूनी होगी ये दिवालीIदियो की रोशनी से सजी, ये महफ़िल बड़ा सताती है
उसके साथ बनायीं वो दिवाली, मुझे बहुत याद आती हैI
FAQ:-600 Words Essay Speech on Deepawali
दीपावली के पहले कौन सा त्यौहार है?
दीपावली के पहले धनतेरस त्यौहार आता है , इस दिन आयुर्वेद के जन्मदाता धन्वंतरि, धन व समृद्धि की देवी लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर, मृत्यु के देवता यमराज और बुद्धि के देवता गणेशजी की पूजा होती है।
दीपावली मनाने का कारण क्या है?
इसी दिन भगवान श्रीराम लंका विजय के पश्चात अयोध्या लौटे थे। 14 वर्षों के वनवास के बाद श्रीराम के पुनः आगमन की खुशी में अयोध्या वासियों ने घर-घर में दीप जलाकर अपने मन का उल्लास प्रकट किया था। तभी से दीपावली की परंपरा चल पड़ी।
दिवाली के दूसरे दिन को क्या कहते हैं?
दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा होती है। इसके अगले दिन यानी द्वितिया को भाई-दूज के त्योहार के साथ ही दीपावली महोत्सव पूरा हो जाता है।
दीपावली कितने दिनों का त्यौहार है?
दीपावली का त्योहार 5 दिनों तक मनाने का विधान है। इसकी शुरूआत धनतेरस के दिन से होती है इसके बाद नरक चौदस, अन्नकूट और भैय्या दूज का पर्व मनाया जाता है।
क्या है दिवाली का प्राचीन नाम–
दिवाली का प्राचीन नाम “दीपोत्सव” है I
दिवाली के अगले दिन क्या होता है?
दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा या अन्नकूट पर्व मनाया जाता है। इस दिन लोग घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करते हैं।
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