महंगाई पर 600 शब्दों में निबंध, भाषण – 600 Words Essay speech on DEARNESS in Hindi
महंगाई से जुड़े निबंध जैसे महंगाई पर 600 शब्दों में निबंध,भाषण स्कूल में कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, और 12 में पूछे जाते है। इसलिए आज हम 600 Words Essay speech on DEARNESS in Hindi के बारे में बात करेंगे ।
600 Words Essay Speech on DEARNESS in Hindi for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12
महंगाई का प्रभाव यह है कि पॉकेट में पैसों का बोझ बढ़ता जाता है और थैले में सामान का वजन घटता जाता है। अर्थ शास्त्र की भाषा में यदि क्रेता की क्रय शक्ति घट जाए, तो इसे ‘महंगाई’ कहा जाता है। महंगाई में सामान तो बाजार में मिलते हैं, लेकिन ऊंचे दामों पर। इससे रुपयों का अवमूल्यन हो जाता है। महंगाई विश्वव्यापी समस्या है, लेकिन यह भारत की गंभीर समस्या है।
यूं तो महंगाई से आज समाज का हर वर्ग पीड़ित है, लेकिन निम्न वर्ग और मध्यम वर्ग इससे अधिक प्रभावित हैं। पहले कर्मचारी एवं पदाधिकारी स्कूटर से दफ्तर जाया करते थे, लेकिन पेट्रोल की कीमत बढ़ जाने के कारण अब उन्हें पैदल ही जाना पड़ता है। जिस परिवार में पांच किलो दूध की खपत होती थी, वहां अब दो किलो दूध से ही काम चलाया जाता है। खाद, बीज एवं कीटनाशक दवाइयों के दाम बढ़ जाने के कारण किसान उचित मात्रा में इनका प्रयोग खेतों में नहीं कर पाते। फलतः पैदावार में कमी आ जाती है।
महंगाई के कारण होली, दीपावली आदि पर्वों के अवसर पर पारिवारिक बजट में काफी कटौती करनी पड़ती है। महंगाई का कटु अनुभव तब होता है, जब वर्तमान में भिखारी एक रुपये से कम की भीख अस्वीकार कर देता है। इस प्रकार महंगाई की मार से कर्मचारी, पदाधिकारी एवं भिखारी तक आक्रांत हैं।
महंगाई के संबंध में बुजुर्गों की बातें सुखद एवं विस्मयकारी लगती हैं, जब वे वर्तमान पीढ़ी को ललकारते हुए कहते हैं कि तुम क्या हमसे मुकाबला करोगे, मेरी हड्डियों ने रुपये सेर (किलो) का शुद्ध घी खाया है। सूखे मेवे हम लोग भूजे की भांति फांक चुके हैं। अब तो किसी भी कीमत पर शुद्ध घी के दर्शन ही नहीं होते। सूखे मेवे तो अब शादी-ब्याह, पर्व-त्योहार एवं पूजा-पाठ आदि के निमित्त ही खरीदे और खाए जाते हैं।
मूल्य वृद्धि या महंगाई के अनेक कारण हैं। प्रथम कारण जनसंख्या वृद्धि है। जिस अनुपात में जनसंख्या में वृद्धि हो रही है, उस अनुपात में खाद्यान्नों के उत्पादन में वृद्धि नहीं हो रही है। कम सामान होने के कारण उनकी कीमत काफी बढ़ जाती है। दूसरा कारण मुनाफाखोरी है। बड़े-बड़े व्यापारी कुछ भ्रष्ट पदाधिकारियों के सहयोग से खाद्य सामग्रियों को गोदामों में बंद कर देते हैं। उसके बाद कीमत दुगनी करके उसे बाहर निकालते हैं।
तीसरा कारण है कृषि पर प्राकृतिक प्रकोप। हमारे देश में प्राय: बाढ़ एवं सूखे के कारण फसलें नष्ट हो जाती हैं। युद्ध के कारण भी महंगाई बढ़ती है। युद्ध में रुपये पानी की तरह बहाए में जाते हैं, जिससे वस्तुओं का उत्पादन ठप पड़ जाता है। इससे महंगाई बढ़ जाती है। सन 1939 में द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण विश्व में महंगाई फैली थी, जो आज तक सुरसा की तरह मुंह फैलाए खड़ी है। सन 1962, 1965 एवं 1971 में भारत को युद्ध लड़ने पड़े हैं। इस कारण भी यहां महंगाई काफी बढ़ गई है।
जिस प्रकार महंगाई के अनेक कारण हैं, उसी प्रकार उसके निदान के भी अनेक उपाय हैं। सर्वप्रथम जनसंख्या में कमी एवं वस्तुओं के उत्पादन में वृद्धि करके महंगाई से लड़ा जा सकता है। इसके अलावा उत्पादन वृद्धि के लिए देश में कुटीर उद्योगों एवं बड़े उद्योगों के जाल बिछाने होंगे। कृषि उत्पादन में हरित क्रांति लानी होगी। इसके लिए खेती में वैज्ञानिक तरीकों का प्रयोग तथा सिंचाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करना होगा। साथ ही भ्रष्ट व्यापारियों एवं पदाधिकारियों के विरुद्ध सरकार को सख्त कार्यवाही करनी होगी।

महंगाई से निजात पाने के लिए जनता को भी सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए। जनता को चाहिए कि वह अपने उपयोग हेतु अधिक सामानों का संचय न करे। उपयोग के समय महंगे एवं विलासितापूर्ण सामानों से दूर रहना चाहिए। इस प्रकार भोगवादी प्रवृत्ति को त्याग करके भी महंगाई की मार कम की जा सकती है।
महंगाई पर वचन – Best Quotes on DEARNESS
एक दौर था जब
संडे हो या मंडे रोज खाते थे अंडे,
एक दौर आज का है
रोज पड़ते है महंगाई के डंडे.बढती हुई “महंगाई” और
घटती हुई “कमाई” को देखकर
मुझे “आधारकार्ड” नही बल्कि
“उधारकार्ड” की जरूरत महसूस हो रही है.जब विपक्ष में होते है
तो महंगाई पर बड़ा सवाल उठाते है,
जब सत्ता में आते है,
तो उसका जिम्मेदार विपक्ष को बताते है.कब होंगे कम पेट्रोल डीजल के दाम,
कब सरकार लगाएगी महंगाई पा लगाम.चुनाव में वादा करते है आय बढ़ाएंगे,
और चुनाव के बाद महंगाई बढ़ा देते है.क्या आपको पता है कितनी बढ़ रही है महंगाई,
बहुत से लोग कैंसिल कर दे रहे है अपनी सगाई.जनता की आंखों में आंखे डालकर
करीब से पूछो,
महंगाई कैसे जान लेती है
किसी गरीब से पूछो.महंगाई से है परेशान,
सबसे ज्यादा किसान.महंगाई इस कदर बढ़ेगी,
तो बिटिया स्कूल में कैसे पढ़ेगी.देश की जनता गरीबी से लड़ रही है,
महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है.बाजार में अपार महंगाई छाई,
हो रहा है दिमाग का भेजा फ्राई.आजकल महंगाई जितनी तेजी से बढ़ रही है,
इंसान की कीमत उतनी ही तेजी से घट रही है.आप कब तक करेंगे अत्याचार,
हुम् कब तक सहेंगे महंगाई की मार.सरकारें सिर्फ कागजों पर करती है कमाल,
Best Quotes on DEARNESS
महंगाई ने जीवन को कर डाला है बदहाल.
FAQ:-
महंगाई का क्या अर्थ है ?
अर्थ शास्त्र की भाषा में यदि क्रेता की क्रय शक्ति घट जाए, तो इसे ‘महंगाई’ कहा जाता है। महंगाई में सामान तो बाजार में मिलते हैं, लेकिन ऊंचे दामों पर।
महंगाई के प्रमुख कारण कौन कौन से हैं?
अगर व्यक्ति के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वह ज्यादा चीजें खरीदेगा, ज्यादा चीजें खरीदेगा तो वस्तुओं की मांग बढ़ेगी और उत्पाद की आपूर्ति कम होने के कारण उसकी कीमत बढ़ जाएगीI इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता हैI संक्षेप में बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव महंगाई का कारण बन जाता हैI
महंगाई को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
Dearness
सबसे ज्यादा महंगाई कौन से राज्य में है?
मध्य प्रदेश में 9.10 %
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