600-700 Words Essay speech on Pandit Jawaharlal Nehru

पंडित जवाहरलाल नेहरू  पर  600-700 शब्दों में  निबंध, भाषण । 600-700 Words Essay speech on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi

पंडित जवाहरलाल नेहरू  पर  600-700 शब्दों में  निबंध, भाषण – 600-700 Words Essay speech on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi

पंडित जवाहरलाल नेहरू  से जुड़े छोटे निबंध जैसे पंडित जवाहरलाल नेहरू  पर  600-700 शब्दों में  निबंध,भाषण  स्कूल में कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11,और 12 में  पूछे जाते है। इसलिए आज हम  600-700 Words Essay speech on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi के बारे में बात करेंगे ।

600-700 Words Essay Speech on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12

विश्व शांति के अग्रदूत पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को प्रयाग (इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश) के लब्धप्रतिष्ठित बैरिस्टर पंडित मोतीलाल नेहरू के घर हुआ था। यहां उनकी संपूर्ण देख-रेख एक अंग्रेज महिला के हाथ में थी। घर पर एक अंग्रेज अध्यापक पढ़ाने आता था। नेहरू जी सन 1905 में इंग्लैंड गए और सात साल बाद बैरिस्टर बनकर भारत लौटे। उन्होंने कुछ समय तक अपने पिता के साथ रहकर वकालत की, लेकिन इसमें उन्हें बहुत अधिक सफलता नहीं मिली।

उस समय देश के राजनीतिक क्षेत्र में सर्वश्री गोपाल कृष्ण गोखले, बाल गंगाधर तिलक और महात्मा गांधी प्रमुख थे। देश में चारों ओर प्रथम महायुद्ध के कारण एक भीषण लहर दौड़ रही थी। सन 1919 में रोलेट एक्ट तथा पंजाब में जलियां वाला बाग हत्याकांड के कारण भारतीयों के शरीर में प्राण संचार होने लगा था।

यहीं से नेहरू जी का राजनीतिक जीवन आरंभ हुआ। सन 1920 में महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन आरंभ किया, जिसमें अवध के किसानों ने सबसे अधिक बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पंडित नेहरू इसी समय जनता के सामने आए। इस बार वे सबसे पहले जेल गए। कोलकाता में सन 1928 के कांग्रेस अधिवेशन में नेहरू जी ने अंग्रेजों को एक वर्ष में औपनिवेशिक स्वराज देने की चुनौती दी, लेकिन विदेशी सरकार इसे टालती रही।

1929 में लाहौर अधिवेशन में जब नेहरू जी कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित हुए, तो उन्होंने पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव पास किया। ऐसे में देश के कोने-कोने में स्वाधीनता दिवस मनाया गया। फिर सन 1930 के नमक आंदोलन के समय उन्हें कारागार में डाल दिया गया। तब गांधी-इरविन समझौते पर वे मुक्त हुए, लेकिन स्वाधीनता की आग शांत नहीं हुई, अत: उत्तर प्रदेश के किसान आंदोलन में योगदान किया। फलत: 6 माह जेल में रहे। उसके बाद कोलकाता में दिए भाषण पर राजद्रोह का आरोप लगाकर उन्हें 2 वर्ष की जेल की सजा मिली।

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इस बार जेल से छूटने तक नेहरू जी की पत्नी कमला 202 का देहांत हो चुका था, फिर भी उन्होंने राष्ट्रप्रेम, त्याग और बलिदान में कोई अंतर नहीं आने दिया। इसके बाद वे 1936 तथा 1937 के लखनऊ और फैजपुर अधिवेशनों में अध्यक्ष चुने गए। सन 1939 के द्वितीय विश्वयुद्ध में अंग्रेजों ने भारत को भी में सम्मिलित राष्ट्र घोषित कर दिया, जिसकी प्रतिक्रिया बड़े ही उग्र प्रतिरोध के रूप में हुई। देश में एक विद्रोह उठ खड़ा हुआ।

इसके पश्चात सन 1942 के आंदोलन में नेहरू जी ने पर्याप्त सहयोग दिया। अंग्रेजी सरकार ने बड़ी निर्दयता से इस आंदोलन के दमन का प्रयास किया, परंतु उसे असफलता ही हाथ लगी। इसके बाद अंग्रेजी सरकार ने 22 सितंबर, 1946 को भारत में एक अंतरिम सरकार की स्थापना की, जिसके प्रधानमंत्री नेहरू जी चुने गए। इस प्रकार नेहरू जी आजीवन राष्ट्रप्रेम के लिए अपना बलिदान करते है। 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ और नेहरू जी स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बनाए गए।

भारत छोड़ते समय अंग्रेजों ने देश में सांप्रदायिकता की आग लगा दी थी, जिसके फलस्वरूप राष्ट्र का विभाजन हुआ। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नेहरू जी के धैर्य एवं गांभीर्य ने सदैव ठोस कदम ही उठाया। सन 1947 में उन्होंने प्रथम एशियाई देशों का एक सम्मेलन बुलाया, जिसके वे सभापति बने। स्वतंत्रता के बाद भारत की विदेश नीति को सफल बनाने में नेहरू जी का योगदान सराहनीय रहा। नेहरू जी ने गांधी जी के आचरणों का सदैव अनुसरण किया। पंचशील सिद्धांत नेहरू जी के आदर्शों का संगठित रूप है। उनके आदर्शों को आज पूरा विश्व मान रहा है। नेहरू जी को बच्चों के प्रति बड़ा मधुर लगाव था। इसी कारण बच्चे उन्हें ‘चाचा नेहरू’ कहकर पुकारते थे। इनके जन्म दिवस 14 नवंबर को ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

पंडित नेहरू भारत के कर्णधार थे, विश्व शक्ति के प्रणेता थे और सत्य पथ के महान निर्देशक थे। तृतीय महायुद्ध को रोकने के लिए उन्होंने गुटनिरपेक्ष आंदोलन चलाया। ऐसे महान व्यक्ति का निधन 27 मई, 1964 को हुआ। नेहरू जी मनुष्यता के अवतार थे। इसी गुण के कारण वे विश्व में सम्मानित रहे।

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जवाहर लाल नेहरू का जन्म कहाँ हुआ था?

इलाहाबाद , जो आज के समय में प्रयागराज है I

जवाहरलाल नेहरू पेशे से क्या थे?

जवाहरलाल नेहरू पेशे से वकील थे I

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किस कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की है?

 कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से

जवाहर लाल नेहरू की पत्नी का क्या नाम था?

कमला कौल नेहरू

पंडित जवाहरलाल नेहरू को कौन से वर्ष में भारत रत्न मिला?

1955

पंडित जवाहरलाल नेहरू की कितनी संताने थी?

1, इंदिरा गाँधी उनकी एकमात्र संतान थीं I

जवाहरलाल नेहरू के परदादा कौन थे?

गंगाधर नेहरू

नेहरू जी के पूर्वज कहाँ के निवासी थे ?

कश्मीर

पं० जवाहरलाल नेहरू का जन्म कब हुआ था?

14 नवंबर 1889

पंडित जवाहरलाल की मृत्यु कब हुई?

27 मई 1964

भारत में पहला बाल दिवस कब मनाया गया था?

भारत में पहली बार बाल दिवस साल 1956 में मनाया गया था. 1964 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के पहले तक 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता थाI

नेहरू का पूरा नाम क्या है?

जवाहरलाल नेहरू

जवाहरलाल नेहरू की बड़ी बहन कौन थी?

विजया लक्ष्मी

पंडित नेहरू जी ने अपनी ‘आत्मकथा’ कब और कहाँ लिखी थी ?

पंडित जवाहरलाल नेहरू को 1930-35 के दौरान नमक सत्याग्रह एवं कांग्रेस के अन्य आंदोलनों के कारण कई बार जेल जाना पड़ा। उन्होंने 14 फ़रवरी 1935 को अल्मोड़ा जेल में अपनी ‘आत्मकथा‘ का लेखन कार्य पूर्ण किया।

नेहरू जी ने अपनी वसीयत में क्या लिखा?

पंडित नेहरू ने अपनी वसीयत में लिखा था- मैं चाहता हूं कि मेरी मुट्ठीभर राख प्रयाग के संगम में बहा दी जाए जो हिन्दुस्तान के दामन को चूमते हुए समंदर में जा मिले, लेकिन मेरी राख का ज्यादा हिस्सा हवाई जहाज से ऊपर ले जाकर खेतों में बिखरा दिया जाए, वो खेत जहां हजारों मेहनतकश इंसान काम में लगे हैं, ताकि मेरे वजूद का हर जर्रा वतन की खाक में मिलकर एक हो जाए.

मै आशा करती हूँ कि  पंडित जवाहरलाल नेहरू  पर लिखा यह निबंध ( पंडित जवाहरलाल नेहरू  पर  600-700 शब्दों में  निबंध,भाषण । 600-700 Words Essay speech on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi ) आपको पसंद आया होगा I साथ ही साथ आप यह निबंध/लेख अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ जरूर साझा ( Share) करेंगें I


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