600-700 Words Essay speech on Lalbahadur Shastri

लालबहादुर शास्त्री  पर  600-700 शब्दों में  निबंध, भाषण । 600-700 Words Essay speech on Lalbahadur Shastri in Hindi

लालबहादुर शास्त्री  पर  600-700 शब्दों में  निबंध, भाषण – 600-700 Words Essay speech on Lalbahadur Shastri in Hindi

लालबहादुर शास्त्री  से जुड़े छोटे निबंध जैसे लालबहादुर शास्त्री  पर  600-700 शब्दों में  निबंध,भाषण  स्कूल में कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11,और 12 में  पूछे जाते है। इसलिए आज हम  600-700 Words Essay speech on Lalbahadur Shastri in Hindi के बारे में बात करेंगे ।

600-700 Words Essay speech on Lalbahadur Shastri in Hindi for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12

सूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोटे विघ्नों को गले लगाते हैं, कांटों में राह बनाते हैं।

सचमुच लालबहादुर शास्त्री को अपने लिए कांटों के बीच से ही रास्ता बनाना पड़ा था। शास्त्री जी के पास न तो कोई पृष्ठभूमि थी और न ही कोई शारीरिक सौष्ठव। दूसरी ओर उनके सामने बाधाओं के पहाड़ आए। आर्थिक विपन्नता ऐसी थी कि नाव से गंगा पार करने के लिए भी पैसे नहीं होते थे। महीनों तक दो समय का भोजन भी नहीं मिलता था। पैसे के अभाव में इलाज नहीं होने के कारण उन्हें एक पुत्र से भी हाथ धोना पड़ा। फिर भी वे अपने नाम के अनुरूप बहादुरी के साथ जीवन की बाधाओं को पार करते हुए एक दिन भारत के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुए। इनके प्रधानमंत्री बन जाने पर सर्वत्र यह कहा जाने लगा- ‘शास्त्री जी गुदड़ी के लाल निकले।’

ऐसे कर्मवीर का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय (उ.प्र.) में एक अति निर्धन परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम शारदा प्रसाद तथा माता का नाम श्रीमती रामदुलारी सिन्हा था। किशोरावस्था में ही इनके पिता जी चल बसे। फलतः घर की आर्थिक विपन्नता अधिक बढ़ गई थी। खेवाई के पैसे के अभाव में शास्त्री जी को नदी में तैरकर वाराणसी जाना पड़ता था। फिर भी बालक शास्त्री हिम्मत नहीं हारे और उनकी पढ़ाई चलती रही।

सन 1911 में गांधी जी वाराणसी आए थे। उस समय उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया था। गांधी जी की आवाज पर अनेक छात्र स्कूल कॉलेज छोड़कर इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे थे। इन्हीं छात्रों में शास्त्री जी भी शामिल हो गए। फलतः इन्हें ढाई वर्ष सश्रम कारावास की सजा मिली। जेल से निकलने के बाद वे काशी विद्यापीठ के छात्र बने और वहां से ‘शास्त्री’ की उपाधि प्राप्त करके लालबहादुर से लालबहादुर शास्त्री बने।

पत्नी के साथ शास्त्री (सोशल मीडिया से)

आजादी के बाद लालबहादुर शास्त्री ने कई महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया। इन्होंने केंद्र सरकार में रेल, वाणिज्य एवं गृह मंत्री के दायित्व का निर्वाह सफलतापूर्वक किया। पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद 9 जून, 1964 को वे भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री बने। इन्होंने मात्र 18 महीने के प्रधानमंत्रित्व काल में देश का चतुर्दिक विकास किया। इनके द्वारा अनेक उत्कृष्ट कार्य किए गए। इन्होंने भारत-नेपाल संबंध, असम भाषा विवाद तथा कश्मीर समस्या का काफी सूझबूझ के साथ हल किया। फलतः इनकी कार्यकुशलता की प्रशंसा होने लगी।

1965 में भारत-पाक युद्ध में विजय दिलाकर शास्त्री जी ने भारत का मस्तक ऊंचा किया। इन्होंने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया। शास्त्री जी का कहना था, “जिस प्रकार देश की सुरक्षा के लिए सेना के जवान महत्वपूर्ण हैं, उसी प्रकार देश की खुशहाली के लिए किसान महत्वपूर्ण हैं।” शास्त्री जी 1966 में रूस के तत्कालीन राष्ट्रपति कोसिजिन के आग्रह पर पाकिस्तान के साथ मैत्रीपूर्ण रास्ता निकालने हेतु ताशकंद गए। वहां कोसिजिन की मध्यस्थता में भारत और पाक के बीच एक समझौता पत्र तैयार हुआ, जिसे ‘ताशकंद समझौता’ कहा जाता है। ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने के कुछ ही घंटों बाद उनकी हृदय गति रुक गई और भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री की मृत्यु हो गई। इनकी सादगी एवं कर्मठता हम सबके लिए अनुकरणीय है।

Lal Bahadur Shastri Quotes in Hindi

जय जवान, जय किसान।

लोगों को सच्चा लोकतंत्र या स्वराज कभी भी असत्य और हिंसा से प्राप्त नहीं हो सकता है।

कानून का सम्मान किया जाना चाहिए जिससे हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे और मज़बूत बने।

आज़ादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नहीं है, पूरे देश को मज़बूत होना होगा।

जो शासन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं अंततः, जनता ही मुखिया होती है।

हम सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास रखते हैं।

हमारी ताकत और मज़बूती के लिए सबसे ज़रूरी काम है लोगों में एकता स्थापित करना।

यदि कोई भी व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।

जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो, तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्तव्य होता है। हमें एक साथ मिलकर किसी भी प्रकार के अपेक्षित बलिदान के लिए दृढ़तापूर्वक तत्पर रहना है।

देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने की बजाए गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।

आर्थिक मुद्दे सबसे बेहद ज़रूरी हैं और यह सबसे महत्वपूर्ण है कि हम अपने सबसे बड़े दुश्मन गरीबी और बेरोज़गारी से लड़े।

विज्ञान और वैज्ञानिक कार्यों में सफलता असीमित या बड़े संसाधनों का प्रावधान करने से नहीं मिलती, बल्कि यह समस्याओं और उद्दश्यों को बुद्धिमानी और सतर्कता से चुनने से मिलती है और सबसे बढ़कर जो चीज़ चाहिए वो है निरंतर कठोर परिश्रम और समर्पण।

हम दुनिया में सम्मान तभी जीत सकते हैं जब हम आंतरिक रूप से मज़बूत रहेंगे।

हमारा रास्ता सीधा और स्पष्ट है।

लाल बहादुर शास्त्री

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FAQ

लाल बहादुर शास्त्री जन्म कहाँ हुआ?

मुगलसराय (उ.प्र.)

लाल बहादुर शास्त्री जन्म कब हुआ?

2 अक्टूबर, 1904 को मुगलसराय (उ.प्र.) में हुआ था

लाल बहादुर शास्त्री का बचपन का नाम क्या था ?

लाल बहादुर वर्मा (Lal Bahadur Verma) 

बचपन में शास्त्री जी को बचपन में सब क्या कहकर बुलाते थे?

नन्हें

लाल बहादुर शास्त्री के बेटे का नाम क्या है?

अनिल शास्त्री
सुनील शास्त्री
हरिकृष्ण शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री जी के माता पिता का नाम क्या है?

मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव
रामदुलारी देवी

जय जवान जय किसान किसका नारा है?

लालबहादुर शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री का मौत कैसे हुई?

11 जनवरी 1966 को रात 01.32 बजे तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) का ताशकंद (Tashkent) में दिल का दौरा पड़ने से अचानक निधन हो गया. वो वहां भारत-पाकिस्तान युद्ध (India-pakistan war) के बाद समझौते पर हस्ताक्षर करने गए थे.

लाल बहादुर शास्त्री जी के पश्चात राजनीतिक उत्तराधिकारी कौन बने थे ?

इंदिरा गाँधी

लाल बहादुर शास्त्री और जनरल अयूब खान के बीच कौन सा समझौता हुआ?

ताशकन्द समझौता


मै आशा करती हूँ कि  लालबहादुर शास्त्री  पर लिखा यह निबंध ( लालबहादुर शास्त्री  पर  600-700 शब्दों में  निबंध,भाषण । 600-700 Words Essay speech on Lalbahadur Shastri in Hindi ) आपको पसंद आया होगा I साथ ही साथ आप यह निबंध/लेख अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ जरूर साझा ( Share) करेंगें I

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