भारतीय संविधान पर  600-700 शब्दों में  निबंध, भाषण । 600-700 Words Essay speech on Indian Constitution in Hindi

भारतीय संविधान पर  600-700 शब्दों में  निबंध, भाषण – 600-700 Words Essay speech on Indian Constitution in Hindi

भारतीय संविधान से जुड़े छोटे निबंध जैसे भारतीय संविधान पर  600-700 शब्दों में  निबंध,भाषण  स्कूल में कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11,और 12 में  पूछे जाते है। इसलिए आज हम  600-700 Words Essay speech on Indian Constitution in Hindi के बारे में बात करेंगे ।

600-700 Words Essay Speech on Indian Constitution in Hindi for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12

प्रत्येक देश को अपने राज्य संचालन तथा शासन व्यवस्था के लिए एक ऐसे विधान की आवश्यकता होती है, जो उसके भावी निर्माण की रूपरेखा को रचनात्मक रूप देने में सफल और सहायक सिद्ध हो सके। 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों द्वारा भारत के स्वतंत्र होने के बाद भारतीय संविधान का निर्माण किया गया, जो 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ।

भारतीय संविधान को वर्तमान स्वरूप में लाने में डॉ. भीमराव अंबेडकर एवं श्रीगोपाल स्वामी आयंगर आदि का संगठित प्रयास उल्लेखनीय है। हमारा संविधान 26 जनवरी, 1949 को पूर्णतः गठित होकर स्वीकृत हुआ और 26 जनवरी, 1950 को गणतंत्र दिवस से संपूर्ण देश में लागू हो गया।

इसके उद्देश्य को प्रस्तावना में इस प्रकार से स्पष्ट किया गया है, “हम भारत के लोग एक पूर्ण लोकतंत्रात्मक गणराज्य और समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय, विचार-अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म एवं उपासना की स्वतंत्रात्मक प्रतिष्ठा और सुअवसर की समानता तथा उन सबमें व्यक्तिगत गरिमा और राष्ट्र की एकता एवं अखंडता वर्धित करने वाली भावना के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी विधानसभा में आज दिनांक 26 जनवरी, 1949 को इस संविधान को अंगीकृत, अधिनिर्मित और आत्मार्पित करते हैं।”

नवीन संविधान के अनुसार हिंदी सारे देश की राष्ट्र भाषा होगी और उसकी देवनागरी लिपि का लिखने में प्रयोग होगा। यह विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। यह 22 बड़े विभागों में बंटा है तथा 395 अनुच्छेद और 7 अनुसूची हैं। इसकी आधारशिला भारतीय जीवन के अनुसार धर्म और न्याय है।

गणतंत्र भारत का राष्ट्रपति न केवल ब्रिटिश बादशाह अथवा महारानी के समान एक वैधानिक सर्वोच्च पदाधिकारी है, प्रत्युत प्रशासन का भी सर्वोपरि अधिकारी है। भारतीय नागरिकों की सुख-सुविधा ही इसका एकमात्र लक्ष्य है। इसके अनुसार प्रारंभ में संपूर्ण भारत को तीन प्रकार के राज्यों में विभक्त किया गया था, लेकिन सन 1956 में राज्यों का पुनर्गठन हो गया और क, ख, ग की तीन श्रेणियां समाप्त कर दी गई। अब सभी राज्यों का सर्वोच्च अधिकारी राज्यपाल होता है। प्रत्येक राज्य में जनसंख्या के आधार पर कहीं विधानसभा और विधान परिषद दोनों होते हैं, तो कहीं केवल विधानसभा ही होती है। इन दोनों सदनों का निर्वाचन जनता या जन-प्रतिनिधि द्वारा ही संपन्न होता है।

केंद्र में लोकसभा तथा राज्यसभा दो सदन है। इनमें क्रमश: 540 और 250 सदस्य होते हैं। विभिन्न राज्यों तथा केंद्र में पृथक-पृथक मंत्रिमंडल होते हैं। अनेक आंतरिक मामलों में राज्य पूर्णतः स्वतंत्र होते हैं, लेकिन रेल, तार, डाक, सेना, मुद्रा, विदेश नीति और प्रसारण आदि विभाग केंद्रीय सरकार के अधीन होते हैं। ये सरकारें सभी तरह से जनता का प्रतिनिधित्व करती हैं। हर पांचवें वर्ष देशव्यापी आम चुनाव होता है। सर्वप्रथम निर्वाचन 1952 में हुआ था।

भारतीय संविधान का केंद्रीय आकर्षण इसका तृतीय विभाग है, जिसमें नागरिकों के प्रमुख अधिकारों का विवरण दिया गया है। समानता के अधिकार के अंतर्गत कानून का प्रयोग सबके लिए एक-सा होगा तथा धर्म, जाति, रंग, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर राज्य की ओर से किसी प्रकार का भेदभाव नहीं रखा जाएगा। छुआछूत को नष्ट किया जाएगा और जो इसे प्रोत्साहन देगा, वह राज्य के समक्ष दंडित होगा। कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से बेगार न ले सकेगा। सभी को अपने-अपने धर्म के पालन की पूरी स्वतंत्रता होगी। परस्पर धर्म की आलोचना दंडनीय अपराध होगा।

इसके अतिरिक्त सबको अपनी संपत्ति पर पूर्ण अधिकार होगा। कोई भी व्यक्ति उसका बल प्रयोग से अपहरण नहीं करेगा। यदि सरकार भी उसे लेना चाहे, तो पहले हर्जाना देगी। अल्पसंख्यकों एवं अन्य मतावलंबियों की भाषा, लिपि और मत की राज्य की ओर से पूर्ण रक्षा की जाएगी। प्रत्येक नागरिक को भाषण तथा विचारों की अभिव्यक्ति, बिना किसी अवरोध के शांतिपूर्वक संगठन, सभाओं का निर्माण, भारतीय परिधि के अंदर भ्रमण एवं निवास और किसी भी प्रकार के व्यापार या उद्योग की पूरी स्वतंत्रता होगी।

भारतीय संविधान के 44वें संशोधन द्वारा देश के नागरिकों के कुछ कर्तव्य सुनिश्चित किए गए हैं, जो निम्नवत हैं

  • (क) सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा एवं अहिंसा में विश्वास करना।
  • (ख) विभिन्न क्रियाकलापों को कुशलतापूर्वक करना।
  • (ग) सभी जीवधारियों पर दया करना तथा नदी, झील एवं वनों आदि प्राकृतिक स्थलों का उन्नयन और सुरक्षा प्रदान करना।
  • (घ) नागरिकों में सुधार की भावना एवं मानवता का विकास करना।
  • (ड) बंधुत्व भावना, विभिन्नताओं का अंत तथा मेल मिलाप बढ़ाना ।
  • (च) सांस्कृतिक परंपराओं का आदर एवं परंपराओं की सुरक्षा करना।
  • (छ) संविधान, राष्ट्रपति और राष्टीय ध्वज या प्रतीकों का सम्मान करना I
  • (ज) स्वतंत्रता संग्राम के समय अपनाए गए आदर्शों पर चलना।
  • (झ) देश की अखंडता, एकता एवं सार्वभौमिकता में विश्वास करना।
  • (ञ) संकट की घड़ियों में राष्ट्र की सुरक्षा हेतु तत्पर रहना।

आज हमारा संविधान ही हमारी आशातीत सफलता और प्रगति का परिचायक है।

600-700 Words Essay speech on Indian Constitution
600-700 Words Essay speech on Indian Constitution

भारतीय संविधान से जुड़े रोचक तथ्य – Interesting Facts Related to Indian Constitution

“संविधान सभा, जो पहली बार 9 दिसंबर, 1946 को बुलायी गई थी, को अंतिम संविधान प्रारूप के साथ आने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा।
“हमारे संविधान की प्रस्तावना, संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान की प्रस्तावना से प्रेरित थी, जो “हम लोग” से भी शुरू होती है।
“हमारे संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त मौलिक अधिकारों को भी अमेरिकी संविधान से अपनाया गया है। भारतीय संविधान अपने सभी नागरिकों के मूल मानवाधिकारों के रूप में नौ मौलिक अधिकारों को मान्यता देता है।

“दिलचस्प बात यह है कि शुरुआत में, संपत्ति का अधिकार भी मौलिक अधिकारों में से एक था। हमारे संविधान के अनुच्छेद 31 में कहा गया है कि, “कोई भी व्यक्ति कानून के अधिकार द्वारा अपनी संपत्ति बचाने से वंचित नहीं रहेगा।” हालांकि, 1978 में 44 वें संशोधन में इसे हटा दिया गया था।
“भारतीय संविधान को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संविधान के रूप में भी प्रतिष्ठित किया गया है क्योंकि इसे लागू करने के 62 वर्षों में, केवल 94 बार संशोधित किया गया था। अब तक, हमारे संविधान में कुल 100 संशोधन हुए हैं।
“भारत के मूल संविधान को प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा द्वारा सुंदर सुलेख के साथ इटैलिक शैली में लिखा गया था, और शान्तिनिकेतन के कलाकारों द्वारा प्रत्येक पृष्ठ को सुशोभित और सजाया गया था।

“हिंदी और अंग्रेजी में लिखी गई भारतीय संविधान की मूल प्रतियों को भारतीय संसद की लाइब्रेरी में विशेष हीलियम से भरी संदुक में रखा जाता है।
“448 लेखों और 12 अनुसूचियों वाले 25 भागों के साथ, भारतीय संविधान दुनिया में किसी भी संप्रभुता वाले देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है।

“जब संविधान प्रारूप तैयार किया गया था और बहस और चर्चा के लिए रखा गया था, तब इसमें अंतिम रूप देने से पहले 2000 से अधिक संशोधन किए गए थे।
“26 नवंबर, 1949 को संविधान का प्रारूपण आखिरकार पूरा हुआ। लेकिन, इसे 26 जनवरी, 1950 को दो महीने के बाद ही कानूनी रूप से लागू किया गया था। जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में जाना जाता है।

“24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों द्वारा हस्तलिखित संविधान पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें 15 महिलाएँ शामिल थीं। यह दो दिन बाद 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।

“हमारे संविधान निर्माताओं ने हमारे देश के संविधान का प्रारूपण करते समय विभिन्न अन्य संविधानों से मदद ली थी, यही कारण है कि भारतीय संविधान को अक्सर उधार का बैग कहा जाता है।
“पंचवर्षीय योजनाओं (FYP) की अवधारणा USSR से ली गई थी, और निर्देशक सिद्धांत (सामाजिक-आर्थिक अधिकार) आयरलैंड से लिए गए थे।
“हमारे प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों को फ्रांसीसी क्रांति से लिया गया है, जो कि फ्रांसीसी आदर्श वाक्य भी है।

भारतीय संविधान से जुड़े रोचक तथ्य – Interesting Facts Related to Indian Constitution

FAQ

भारतीय संविधान में कितने शब्द हैं?

भारत का संविधान विश्व का सबसे लम्बा लिखित संविधान है, जिसमें, उसके अंग्रेज़ी-भाषी संस्करण में 146,385 शब्दों  हैंI

भारतीय संविधान कितने देशों से लिया गया है?

भारतीय संविधान विश्व के महत्वपूर्ण 60 देशों से लिया गया हैI

संविधान के अनुसार हमारे देश का क्या नाम है?

संविधान के अनुसार हमारे देश के लिये भारत और इंडिया दोनों नामों का इस्तेमाल किया गया हैI

भारत का संविधान कितने दिन में बना?

भारत का संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था

संविधान में कुल कितने पेज है?

संविधान की पांडुलिपि में 251 पन्ने हैं, जिसका वजन 3.75 किग्रा है।

संविधान कितने लोगों ने मिलकर लिखा था?

संविधान के निर्माण के लिए देश भर से 389 सदस्य चुने गए थे।

संविधान के रचयिता कौन है?

संविधान के रचयिता डॉ भीमराव अंबेडकर हैंI

संविधान की असली कॉपी किसके द्वारा लिखी गई थी?

संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखी गई थी। 

संविधान की असली प्रतियां किस भाषाओं में लिखी गई थीं?

संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश दो भाषाओं में लिखी गई थीं।

भारतीय संविधान की मूल प्रति को कहाँ रखा गया है?

भारतीय संविधान की मूल प्रति को ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी रखा गया हैI

संविधान पर प्रथम हस्ताक्षर करता कौन थे?

संविधान पर प्रथम हस्ताक्षर करने वाले देश के पहले व्यक्ति जवाहरलाल नेहरू और राजस्थान से हस्ताक्षर करने वाले पहले व्यक्ति मास्टर बलवन्तसिंह मेहता थे।

भारतीय संविधान का कौन सा भाग संविधान की आत्मा कहा जाता है?

भारतीय संविधान की उद्देशिका को संविधान की ‘आत्मा’ कहा जाता है।

संविधान सभा की पहली महिला सदस्य कौन थी?

संविधान सभा की पहली महिला सदस्य सरोजनी नायडू थीI

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