अनुशासन पर 600-700 शब्दों में निबंध, भाषण । 600-700 Words Essay speech on Discipline in Hindi
अनुशासन से जुड़े छोटे निबंध जैसे अनुशासन पर 600-700 शब्दों में निबंध,भाषण स्कूल में कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, और 12 में पूछे जाते है। इसलिए आज हम 600-700 Words Essay speech on Discipline in Hindi के बारे में बात करेंगे ।
600-700 Words Essay Speech on Discipline in Hindi for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12
‘शासन’ शब्द के आगे ‘अनु’ उपसर्ग लग जाने से अनुशासन’ शब्द बन जाता है। ‘अनु’ शब्द का अर्थ है-पीछे-पीछे इस प्रकार ‘अनुशासन’ का शाब्दिक अर्थ हुआ-शासन के पीछे-पीछे चलना। यहां शासन का मतलब शासकीय कानून और सामाजिक मान्यताओं से है। अत: प्रशासनिक कानून और सामाजिक मान्यताओं का पालन ही अनुशासन है। अपने परिवार से राष्ट्र तक को सुव्यवस्थित रखने के लिए अनुशासन अनिवार्य है। जिस प्रकार यदि परिवार में पुत्र पिता के अनुशासन में न रहे और पुत्री माता के अनुशासन में न रहे, तो वह परिवार अव्यवस्थित हो जाएगा; उसी प्रकार यदि सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी पदाधिकारी के अनुशासन में न रहें, तो कार्यालय में अव्यवस्था फैल जाएगी।

कहने का भाव यह है कि अध्यापक को प्रधानाध्यापक के, प्राध्यापक को प्राचार्य के एवं छात्र को शिक्षक के अनुशासन में रहना पड़ता है। सैनिक तो बिना अनुशासन के एक पग भी नहीं चल सकते अर्थात अनुशासन मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आवश्यक है। इसीलिए गांधी जी ने कहा था, “अनुशासन के बिना न तो परिवार चल सकता है और न संस्था या राष्ट्र ही।”
प्रत्येक व्यक्ति में बाल्यकाल से ही अनुशासन का बीज डालने की चेष्टा की जाती है। बच्चा मां के प्यार, पिता की डांट एवं अग्रजों के मार्गदर्शन में अनुशासित जीवन व्यतीत करते हुए धीरे-धीरे बड़ा होता है। बच्चों में डाला गया अनुशासन का यह बीज अंकुरित होने लगता है। जब बच्चे विद्याध्ययन के लिए विद्यालय जाते हैं, तब वहां भी उन्हें अनुशासन का पाठ मिलता है। विद्यालय में विद्यार्थी शब्द-ज्ञान साथ-साथ विद्यालय के नियमानुसार संयमित जीवन व्यतीत करते हैं। वे गुरुजनों के उत्कृष्ट आचरण को समीप से देखकर उसका अनुकरण करते हैं। इस प्रकार प्राथमिक विद्यालय से महाविद्यालय तक की अवधि में विद्यार्थियों में अनुशासन का वह अंकुरित बीज बड़ा होकर वृक्ष का रूप ले लेता है। ऐसे ही छात्र व्यावहारिक जीवन में पदाधिकारी बनते तब उनके मातहत कार्य करने वाले सैकड़ों कर्मचारी अनुशासित रहते है।
ऐसे ही छात्र जब सेना के उच्च अधिकारी बनते हैं, तब सैकड़ों सैनिक उनके एक इशारे पर मर-मिटने को तैयार रहते हैं। ऐसे ही छात्र जब देश का नेतृत्व ग्रहण करते हैं, तब उनके पीछे संपूर्ण राष्ट्र चल पड़ता है। लेकिन खेद है कि आज छात्रों, जो राष्ट्र के भावी कर्णधार हैं, में अनुशासन हीनता व्याप्त है। अनुशासन हीनता और आज का विद्यार्थी- दोनों एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं। छोटी सी घटना को लेकर सरकारी बसों एवं कार्यालयों को जलाना तथा दुकानों को लूटना एक सामान्य बात हो गई है।
अनुशासन पर अनमोल वचन – Discipline Quotes in Hindi
“आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो. अनुशाषित रहो।” ~ Bhagwadgita
“हम दबाव से अनुशासन कभी नहीं सीख सकते।” ~ Mahatma Gandhi
“अनुशासन के बिना और अभिमान के साथ किया गया तप व्यर्थ ही होता है।” ~ Veda Vyasa
“व्यक्ति खुद ही अपना सबसे बड़ा रक्षक हो सकता है; और दूसरा कौन उसकी रक्षा कर सकता है? अगर आपका स्वयं पर पूरा नियंत्रण है, तो आपको वह क्षमता हासिल होगी जिसे बहुत ही कम लोग हासिल कर पाते हैं।” ~ Gautam Buddha
“अनुशासन के बिना न तो परिवार चल सकता है और न संस्था या राष्ट्र ही।” ~ Indira Gandhi
“अनुशासन और अभ्यास से ही आत्मविश्वास पैदा होता है।” ~ Robert Kiyosaki
“अनुशासन सेना की आत्मा है। यह छोटी संख्या को भयंकर बना देती है; कमजोरों को सफलता और सभी को सम्मान दिलाती है।” ~ George Washington
“अगर हम खुद को अनुशासित नहीं करेंगे तो हमारा ये काम दुनिया करेगी।” ~ William Feather
“हम सभी को दो चीजें बर्दाश्त करनी पड़ती हैं: अनुशासन का कष्ट या पछतावे और मायूसी की पीड़ा।” ~ Jim Rohn
“स्वतंत्रता ढूंढिए और अपनी इच्छाओं के कैदी बन जाईये, लेकिन अनुशासन ढूंढिए और अपनी स्वतंत्रता पाईये।” ~ Frank Herbert
“बिना अनुशासन के दृढ़ वचन, भ्रांति का शुरुवात है।” ~ Jim Rohn
“यदि हर घर में अनुशासन का पालन किया जाये तो युवाओं द्वारा किए जाने वाले अपराधों में 95 % तक कमी आ जाएँगी।” ~ J. Edgar Hoover
“अनुशासन ही अपने जीवन के उद्देश्य और उपलब्धि के बीच का सेतु है।” ~ Jim Rohn
“अपनी इच्छाओं पर अनुशासन ही आपके चरित्र का आधार है।” ~ John Locke
अनुशासन पर अनमोल वचन – Discipline Quotes in Hindi
FAQ
अनुशासन से क्या समझते हैं?
‘शासन’ शब्द के आगे ‘अनु’ उपसर्ग लग जाने से अनुशासन’ शब्द बन जाता है। ‘अनु’ शब्द का अर्थ है-पीछे-पीछे इस प्रकार ‘अनुशासन’ का शाब्दिक अर्थ हुआ-शासन के पीछे-पीछे चलना। यहां शासन का मतलब शासकीय कानून और सामाजिक मान्यताओं से है।
अनुशासन सब किस से बना है ?
‘शासन’ शब्द के आगे ‘अनु’ उपसर्ग लग जाने से अनुशासन’ शब्द बन जाता है। ‘अनु’ शब्द का अर्थ है-पीछे-पीछे इस प्रकार ‘अनुशासन’ का शाब्दिक अर्थ हुआ-शासन के पीछे-पीछे चलना। यहां शासन का मतलब शासकीय कानून और सामाजिक मान्यताओं से है।
अनुशासन का क्या महत्व है ?
अध्यापक को प्रधानाध्यापक के, प्राध्यापक को प्राचार्य के एवं छात्र को शिक्षक के अनुशासन में रहना पड़ता है। सैनिक तो बिना अनुशासन के एक पग भी नहीं चल सकते अर्थात अनुशासन मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आवश्यक है। इसीलिए गांधी जी ने कहा था, “अनुशासन के बिना न तो परिवार चल सकता है और न संस्था या राष्ट्र ही।”
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