लोहड़ी पर 200 – 300 शब्दों में निबंध, भाषण – 200-300 Words Essay speech on Lohri in Hindi
लोहड़ी से जुड़े छोटे निबंध जैसे लोहड़ी पर 200 – 300 शब्दों में निबंध,भाषण स्कूल में कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11,और 12 में पूछे जाते है। इसलिए आज हम 200-300 Words Essay speech on Lohri in Hindi के बारे में बात करेंगे ।
200-300 Words Essay, speech on Lohri in Hindi for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12
पंजाब का एक प्रसिद्ध त्योहार है-लोहड़ी। यह मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है। लोहड़ी से 10-12 दिन पहले ही बच्चे ‘लोहड़ी’ के लोकगीत गाकर दाने, लकड़ी और गोबर के उपले इकट्ठे करते हैं। इस सामग्री से ही चौराहे या मुहल्ले के किसी खुले स्थान पर आग जलाई जाती है। रेवड़ी और मूंगफली अग्नि की भेंट किए जाते हैं तथा ये ही चीजें प्रसाद के रूप में सभी लोगों को बांटी जाती हैं।
घर लौटते समय ‘लोहड़ी’ में से दो-चार कोयले प्रसाद के रूप में, घर पर लाने की प्रथा भी है। रात्रि में खुले स्थान में परिवार और आस-पड़ोस के लोग मिलकर आग के किनारे घेरा बना कर बैठते हैं तथा मिल-जुल कर ढोल की थाप पर नाचते-गाते और थिरकते हैं। रेवड़ी, मूंगफली और मक्की के फूले खाते हैं।
लोहड़ी से संबद्ध परंपराओं एवं रीति-रिवाजों से ज्ञात होता है कि कई पौराणिक और लोक गाथाएं भी इससे जुड़ी हुई हैं। दक्ष प्रजापति की पुत्री सती के योगाग्नि-दहन की याद में ही यह अग्नि जलाई जाती है। दक्ष प्रजापति ने अपने यज्ञ में भगवान शिव, जो उनके दामाद थे, हिस्सा नहीं दिया था, उसी के प्रायश्चित रूप में इस अवसर पर विवाहिता के मायके द्वारा अपनी बेटी के पति का उस दिन सम्मान किया जाता है।
पंजाब में दुल्ला भट्टी ने दासी बनाई गई लड़कियों को मुक्ति दिलाई थी तथा उनका विवाह भी करवाया था।
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में ‘खिचड़वार’ और दक्षिण भारत के ‘पोंगल’ भी ‘लोहड़ी’ के समीप ही मनाए जाते हैं।
भारत के अन्य कई पर्वों की तरह यह भी फसलों का त्योहार है। खेतों में लहलहाती फसल से जुड़ी आशा और उत्साह ही इस दिन की मौजमस्ती के रूप में दिखाई देता है।

FAQ
लोहड़ी क्यों मनाते हैं?
लोहड़ी पारंपरिक तौर पर फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा एक ख़ास त्योहार है। इस मौके पर पंजाब में नई फसल की पूजा करने की परंपरा है।
लोहड़ी की पूजा कैसे होती है?
लोहड़ी का पर्व देश में कई जगहों पर मनाया जाता है। इसे दिन श्रीकृष्ण, आदिशक्ति और अग्निदेव की विशेषतौर पर पूजा की जाती है। लोहड़ी के दिन घर में पश्चिम दिशा में आदिशक्ति की प्रतिमा या फिर चित्र स्थापित करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद प्रतिमा पर सिंदूर और बेलपत्र चढ़ाएं।
लोहड़ी का मतलब क्या होता है?
लोहड़ी का त्योहार एक-दूसरे से मिलने-मिलाने और खुशियां बांटने का त्योहार है. लोहड़ी शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है ल से लकड़ी, ओह से गोहा यानि जलते हुए उपले व ड़ी से रेवड़ी I
लोहड़ी का त्यौहार कब मनाया जाता है?
13 जनवरी को लोहड़ी मनाया जाता हैI
२०२२ में लोहड़ी कब है ?
13 जनवरी 2022 को लोहड़ी है I
क्यों लोहड़ी सिख धर्म में मनाया जाता है?
जहां पंजाबी और सिख लोग लोहड़ी के दिन फसल पकने की खुशी मनाते हैं तो वहीं, हिंदू धर्म के लोग मकर संक्रांति को फसल पकने पर भगवान धन्यवाद करते हैं। लोहड़ी का त्योहार नवविवाहित दंपति और घर में आए नए शिशु के लिए महत्वपूर्ण होता है।
लोहरी त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
लोहड़ी पारंपरिक तौर पर फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा एक ख़ास त्योहार है। इस मौके पर पंजाब में नई फसल की पूजा करने की परंपरा है। इस दिन लड़के आग के पास भांगड़ा करते हैं, वहीं लड़कियां गिद्दा करती हैं।
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