गुरु नानक देव जी पर 200 – 300 शब्दों में निबंध,भाषण – 200-300 Words Essay speech on Guru Nanak Dev Ji in Hindi
गुरु नानक देव जीसे जुड़े छोटे निबंध जैसे गुरु नानक देव जी पर 200 – 300 शब्दों में निबंध,भाषण स्कूल में कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11,और 12 में पूछे जाते है। इसलिए आज हम 200-300 Words Essay speech on Guru Nanak Dev Ji in Hindi के बारे में बात करेंगे ।
200-300 Words Essay, speech on Guru Nanak Dev Ji in Hindi for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12
गुरु नानक देव या नानक देव सिखों के प्रथम गुरु है। गुरु नानक देव जी का प्रकाश (जन्म) 15 अप्रैल, 1469 ई. में तलवंडी राय भोई में (जो अब पाकिस्तान में, लाहौर से 30 मील दूर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है) हुआ था। सुविधा की दृष्टि से गुरु नानक देव का प्रकाश उत्सव कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। तलवंडी अब ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है।
पिता बाबा कालूचंद्र बेदी और माता त्रिप्ता देवी ने बालक का नाम ‘नानक ‘ रखा। गांव के पुरोहित पंडित हरदयाल ने जब बालक के बारे में सुना तो उन्हें समझने में देर नहीं लगी कि बालक में जरूर ईश्वर का कोई रहस्य छुपा हुआ है। पंजाबी भाषा में कहा गया है-“जीती नौखंड मेदनी सतिनाम दा चक्र चलाया, भया आनंद जगत बिच कल तारण गुरु नानक आया।”
बचपन से ही नानक के आचार-विचार और चाल-ढाल अध्यात्म की झलक थी। उस समय की परंपरा के अनुसार, नानक का विवाह सोलह वर्ष की अवस्था में गुरदास पुर जिले के अंतर्गत लाखौकी नामक स्थान के रहने वाले भूला जी की कन्या सुलक्खनी से हो गया। 32 वर्ष की अवस्था में इनके प्रथम पुत्र श्रीचंद का जन्म हुआ और चार वर्ष बाद दूसरे पुत्र लखमी दास का।
इन्होंने अपने विचारों और दर्शन का प्रचार-प्रसार करने के लिए लंबी यात्राएं कीं। भारत के अलावा अफगानिस्तान, फारस और अरब के मुख्य स्थानों का भ्रमण किया। गुरु नानक देव ने ‘एक देव’ को स्वीकार किया। उपासना में वे बाहरी कर्मकांड को निरर्थक मानते थे। सेवा, सत्संग और सिमरन इस तीन सूत्री साधना पर इन्होंने जोर दिया।
इनकी विचारधारा का प्रभाव हिंदू-मुलसमान दोनों पर एक समान पड़ा। जीवन के अंतिम दिनों में इनकी ख्याति दूर-दूर तक फैल गई थी। इन्होंने करतार पुर (जो अब पाकिस्तान में है) नामक एक नगर बसाया। यहीं 22 सितंबर, 1539 ई. में ये परम ज्योति में लीन हो गए।
ज्योति ज्योत समाने से पहले इन्होंने अपने शिष्य भाई लहना सिंह को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था, जो बाद में ‘गुरु अंगद देव’ के नाम प्रसिद्ध हुए।
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200-300 Words Essay speech on Guru Nanak Dev Ji in English

Guru Nanak Dev or Nanak Dev is the first Guru of the Sikhs. Guru Nanak Dev Ji was born on April 15, 1469, at Talwandi Rai Bhoi (now in Pakistan, 30 miles southwest of Lahore). For convenience, the Prakash Utsav of Guru Nanak Dev is celebrated on Kartik Purnima. Talwandi is now known as Nankana Sahib.
Father Baba Kaluchandra Bedi and mother Tripta Devi named the child ‘Nanak’. When Pandit Hardayal, the priest of the village, heard about the child, it did not take him long to understand that there must be some secret of God hidden in the child. It is said in the Punjabi language –
“Jeeti Naukhand Medni Satinam da chakra chalaye, Bhaya Anand Jagat Bich Kal Taran Guru Nanak Aaya Aaya.”
“जीती नौखंड मेदनी सतिनाम दा चक्र चलाया, भया आनंद जगत बिच कल तारण गुरु नानक आया।”
Since childhood, Nanak’s conduct and behavior were a reflection of spirituality. According to the tradition of that time, Nanak was married at the age of sixteen to Sulakkhani, the daughter of Bhula Ji, who lived in a place called Lakhauki under Gurdaspur district. At the age of 32, their first son Srichand was born and after four years their second son Lakhmi Das was born.
He made long journeys to spread his thoughts and philosophy. Apart from India, visited the main places of Afghanistan, Persia, and Arabia. Guru Nanak Dev accepted ‘One God’. In worship, he considered external rituals to be meaningless. He emphasized this three-point practice of Service, Satsang, and Simran.
His ideology had a similar effect on both Hindus and Muslims. In the last days of his life, his fame spread far and wide. He established a city named Kartarpur (now in Pakistan). It was here that on September 22, 1539, he got absorbed in the ultimate light.
Before joining the flame, he had declared his disciple Bhai Lahna Singh as his successor, who later became famous as ‘Guru Angad Dev’.
FAQ
गुरु नानक की शिक्षा क्या थी?
गुरु नानक जी की तीन बड़ी शिक्षा खुशहाली से जीने का मंत्र देती हैं। ये शिक्षा है- नाम जपो, कीरत करो और वंड छको।
गुरु नानक के गुरु का क्या नाम था?
गुरु नानक के गुरु का नाम नानक था I
गुरु नानक का उद्देश्य क्या था?
गुरु नानक देव ने भाईचारा, एकता, जातिवाद को मिटाने के लिए कुछ जरूरी उपदेश दिए: 1. ईश्वर एक है. वह सर्वत्र विद्यमान है.
गुरुनानक की प्रमुख रचना का क्या नाम है?
जगत में झूठी देखी प्रीत।
एक ओंकार सतिनामI
हरि बिनु तेरो को न सहाई।
गुरु नानक के माता पिता का क्या नाम था?
गुरु नानक के पिता का नाम- मेहता कालू
गुरु नानक जी की माता का नाम – माता तृप्ता
पंजाबी किसकी पूजा करते हैं?
सिख एक ही ईश्वर को मानते हैं, जिसे वे एक-ओंकार कहते हैं। उनका मानना है कि ईश्वर अकाल और निरंकार है।
गुरुनानक का जन्म कहाँ हुआ?
गुरु नानक देव जी का प्रकाश (जन्म) 15 अप्रैल, 1469 ई. में तलवंडी राय भोई में (जो अब पाकिस्तान में, लाहौर से 30 मील दूर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है) हुआ था।
गुरु नानक देव की मृत्यु कब हुई थी?
जीवन के अंतिम दिनों में इनकी ख्याति दूर-दूर तक फैल गई थी। इन्होंने करतार पुर (जो अब पाकिस्तान में है) नामक एक नगर बसाया। यहीं 22 सितंबर, 1539 ई. में ये परम ज्योति में लीन हो गए।
गुरु नानक जी का जन्म कौन से ग्राम में हुआ?
गुरु नानक देव जी का प्रकाश (जन्म) 15 अप्रैल, 1469 ई. में तलवंडी राय भोई में (जो अब पाकिस्तान में, लाहौर से 30 मील दूर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है) हुआ था।
गुरु नानक देव जी के दादा का क्या नाम था?
बेबे नानकी
गुरु नानक देव जी किसका अवतार है?
भारत की पावन भूमि पर कई संत-महात्मा अवतरित हुए हैं, जिन्होंने धर्म से विमुख सामान्य मनुष्य में अध्यात्म की चेतना जागृत कर उसका नाता ईश्वरीय मार्ग से जोड़ा है। ऐसे ही एक अलौकिक अवतार गुरु नानकदेव जी हैं।
गुरु नानक की पत्नी का नाम क्या था?
माता सुलखनी
गुरु नानक जी के कितने पुत्र थे?
गुरु नानक जी के दो पुत्र श्रीचंद और लख्मी चंद थें।
मै आशा करती हूँ कि गुरु नानक देव जी पर लिखा यह निबंध ( गुरु नानक देव जी पर 200 – 300 शब्दों में निबंध,भाषण । 200-300 Words Essay speech on Guru Nanak Dev Ji in Hindi ) आपको पसंद आया होगा I साथ ही साथ आप यह निबंध/लेख अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ जरूर साझा ( Share) करेंगें I
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